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    BSA को कार्यालय में बंद कर जड़ दिया ताला, इस बात से भाकियू कार्यकर्ताओं का हुआ माथा गर्म

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 04:02 PM (IST)

    मुजफ्फरनगर में भाकियू शिक्षक प्रकोष्ठ ने शिक्षकों के वेतनमान और रसोई माताओं के मानदेय की मांग को लेकर बीएसए कार्यालय पर हंगामा किया। आरोप है कि बीएसए संदीप कुमार ने बात करने से मना कर दिया, जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने उन्हें कार्यालय में बंद कर ताला लगा दिया। भाकियू जिलाध्यक्ष नवीन राठी के पहुंचने पर धरना और तेज हो गया। बीएसए ने अभद्रता के कारण बात करने से इनकार किया।

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    संवाद सहयोगी, मुजफ्फरनगर। शिक्षकों के चयन वेतनमान व रसोई माताओं के मानदेय की मांग को लेकर बीएसए से बात करने गए भाकियू शिक्षक प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने हंगामा कर दिया। आरोप है कि बीएसए संदीप कुमार ने उनसे बात करने से इंकार कर दिया। कार्यकर्ताओं ने बीएसए को कार्यालय में बंद कर बाहर गेट पर ताला लगा दिया। इसके बाद भाकियू जिलाध्यक्ष समेत शिक्षक प्रकोष्ठ के अन्य पदाधिकारी भी पहुंचे और नारेबाजी के साथ धरना देकर बैठ गए। रात आठ बजे के बाद भी धरना जारी रहा।

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    भाकियू शिक्षक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष राम रतन शुक्रवार को कुछ शिक्षकों को साथ लेकर बीएसए कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने अपनी कुछ मांगों को लेकर बीएसए संदीप कुमार से बात करनी चाही। आरोप है कि बीएसए ने बात करने से स्पष्ट मना कर दिया और उनकी एक नहीं सुनी। जिसपर शिक्षक प्रकोष्ठ के सभी पदाधिकारी और शिक्षक धरने पर बैठ गए।

    सूचना मिलते ही भाकियू जिलाध्यक्ष नवीन राठी भी पहुंच गए। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने बीएसए संदीप कुमार को अंदर बंद करके तालाबंदी कर दी। उन्होंने कहा कि जब तक बीएसए उनकी बात नहीं सुनेंगे, तब तक वह ताला नहीं खोलेंगे। जिलाध्यक्ष राम रतन सिंह ने बताया कि वह शिक्षकों के चयन वेतनमान और स्कूलों में मिड डे मील के तहत खाना बनाने वाली रसोई माताओं के मानदेय की मांग को लेकर बात करने के लिए गए थे।

    वहीं, भाकियू जिलाध्यक्ष नवीन राठी ने कहा कि बीएसए जनपद के शिक्षकों के अधिकारी हैं, उनकी बात सुनना उनका कर्तव्य है। उन्हें शिक्षकों की बात सुननी चाहिए थी। वह शिक्षकों के अधिकार के लिए लड़ाई लडेंगे। इस दौरान शिक्षक देवेंद्र सिंह, पुष्पेंद्र कुमार, राजीव बालियान, समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।

    शिक्षकों और भाकियू शिक्षक प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों की बात सुनने में कोई गुरेज नहीं था, लेकिन उनके द्वारा अभद्रता की जा रही थी। इसके चलते उन्होंने बात करने से इंकार किया। शांति से बात करने के लिए कोई मनाही नहीं हैं। - संदीप कुमार, बीएसए, मुजफ्फरनगर।