सकारात्मक ऊर्जा से सराबोर रखा मन-मस्तिष्क
कोरोना वायरस कितना कष्टकारी है यह वही जान सकता है जिस पर गुजरी है। संक्रमण से निजात पाने के लिए सकारात्मक ऊर्जा के साथ बेहतर खान-पान रखना बेहद जरूरी है। ग्राम पंचायत सचिव संक्रमित होने के बाद होम आइसोलेट हो गए थे। यहां कोरोना पर प्रहार के लिए दिनचर्या में बदलाव किया और निरंतर योगाभ्यास किया। चिकित्सकों के अनुसार दवा का प्रयोग किया। साथ ही काढ़ा दूध और भरपूर विटामिन प्रोटीन का सेवन किया।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। कोरोना वायरस कितना कष्टकारी है यह वही जान सकता है जिस पर गुजरी है। संक्रमण से निजात पाने के लिए सकारात्मक ऊर्जा के साथ बेहतर खान-पान रखना बेहद जरूरी है। ग्राम पंचायत सचिव संक्रमित होने के बाद होम आइसोलेट हो गए थे। यहां कोरोना पर प्रहार के लिए दिनचर्या में बदलाव किया और निरंतर योगाभ्यास किया। चिकित्सकों के अनुसार दवा का प्रयोग किया। साथ ही काढ़ा, दूध और भरपूर विटामिन, प्रोटीन का सेवन किया।
खतौली खंड विकास कार्यालय में तैनात ग्राम पंचायत सचिव विजय शेखर 10 अप्रैल को संक्रमित हो गए थे। विजय शेखर बताते हैं कि पहले उन्हें हल्की थकान महसूस हुई। उसके बाद बुखार और खांसी के लक्षण उभरे तो चिकित्सकों को दिखाया। चिकित्सकीय परीक्षण के बाद उनकी रिपोर्ट पाजिटिव आई। पहले तो घबराहट हुई और मन-मस्तिष्क पर बोझ बढ़ गया। उसके बाद वह परिवार से अलग होकर होम आइसोलेट हो गए। यहां एकांतवास में उन्होंने अपना समय गुजारा और दिनचर्या में बदलाव किया। विजय कहते हैं कि संक्रमित होने के बाद सबसे महत्वपूर्ण है कि आप अपना संतुलन बनाएं रखें। मन और मस्तिष्क को सकारात्मक बातों, कामों में उलझा लें, ताकि कोरोना हावी न हो सके। उन्होंने सुबह पांच बजे उठकर योगाभ्यास किया। अनुलोम-विलोम, कपालभाति के साथ सूर्य नमस्कार किया। खाने में हरी सब्जियां, दूध एवं प्रोटीन के लिए पौष्टिक आहार का सेवन किया। प्रतिदिन हल्दी का दूध, सुबह और शाम में मौसमी फलों, जूस का इस्तेमाल किया है। आत्मविश्वास के साथ कोरोना से जंग जीती है। अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति को सावधानियां अवश्य बरतने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।