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एमबीबीएस कॉपी घोटाले से जुड़ रहे कठुआ कांड के तार

मुजफ्फरनगर : जम्मू के चर्चित कठुआ कांड के तार चौधरी चरण सिंह विवि की एमबीबीएस कॉपी घ

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Apr 2018 11:22 PM (IST)Updated: Sat, 14 Apr 2018 11:22 PM (IST)
एमबीबीएस कॉपी घोटाले से जुड़ रहे कठुआ कांड के तार
एमबीबीएस कॉपी घोटाले से जुड़ रहे कठुआ कांड के तार

मुजफ्फरनगर : जम्मू के चर्चित कठुआ कांड के तार चौधरी चरण सिंह विवि की एमबीबीएस कॉपी घोटाले से भी जुड़ रहे हैं। दरअसल, मामले में गिरफ्तार विशाल जंगोत्रा के मोबाइल की लोकेशन वारदात के दिन कठुआ के रसाना में मिली है, जबकि कॉलेज के रिकार्ड के मुताबिक आरोपी छात्र खतौली के कॉलेज में पेपर दे रहा था। जम्मू क्राइम ब्रांच ने उपस्थिति पंजिका की फोरेंसिक लैब में जांच कराई, जिसकी रिपोर्ट से साफ हुआ कि परीक्षा के दौरान कक्ष में किए गए हस्ताक्षर उसके नहीं हैं। पूरे मामले की तह तक जाने के लिए क्राइम ब्रांच जिस युवक की तलाश कर रही है, पता चला है कि वह चौधरी चरण सिंह विवि की एमबीबीएस की कॉपी बदलने के मामले में जेल में है।

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क्राइम ब्रांच की तफ्तीश में साफ हुआ कि 11 जनवरी को विशाल रसाना पहुंचा और बच्ची से दुष्कर्म किया। इसके बाद बच्ची की हत्या कर दी। विशाल के मोबाइल की कॉल डिटेल भी वारदात को पुष्ट कर रही है, वारदात के दौरान 11 और 12 जनवरी को उसकी लोकेशन रसाना गांव की है। पुलिस ने इस मामले में विशाल को मीरापुर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपी पक्ष की ओर से पेश किया गया एक सुबूत ऐसा सामने आया है, जिसने पूरी कहानी को उलझा दिया है।

दरअसल, 11 जनवरी को उसे खतौली के एक कालेज में बीएससी का एग्जाम देते हुए दिखाया गया है। बाकायदा परीक्षा सेंटर पर उपस्थिति पंजिका में उसके हस्ताक्षर हैं। मीरापुर के कॉलेज का खतौली के कॉलेज में परीक्षा सेंटर लगा हुआ था। यह सबूत क्राइम ब्रांच के गले नहीं उतरा। क्राइम ब्रांच ने खतौली के परीक्षा केंद्र की सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर और उपस्थिति पंजिका कब्जे में ले ली।

विशाल के हस्ताक्षर की हैंडराइ¨टग को मिलान के लिए एफएसएल भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट चौंकाने वाली आई है। रिपोर्ट से साफ हुआ कि उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर विशाल के नहीं हैं, बल्कि किसी और के हैं। सूत्रों के मुताबिक क्राइम ब्रांच ने विशाल से गहन पूछताछ की। इस दौरान एक युवक का नाम सामने आया है। पुलिस ने उसकी तलाश में मेरठ में दबिश दी, तो पता चला कि चौधरी चरण ¨सह विश्वविद्यालय में एमबीबीएस की कॉपी बदलने के मामले में वह फिलहाल जेल में बंद है। जम्मू क्राइम ब्रांच ने उसके रिमांड पर लेने की तैयारी शुरू कर दी है। खतौली पुलिस ने भी शुरू की जांच-पड़ताल

खतौली (मुजफ्फरनगर) : रसाना कांड के तार मुजफ्फरनगर से जुड़ने पर खतौली पुलिस ने भी अपने स्तर से मामले की छानबीन शुरू कर दी है। सीओ डॉक्टर राजीव कुमार ने इंस्पेक्टर के साथ संबंधित कॉलेज पहुंचकर प्राचार्य से पूरे मामले की जानकारी ली। प्राचार्य ने बताया कि यूनिवर्सिटी के आदेश पर छात्र से संबंधित सभी रिकार्ड उन्होंने जम्मू क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है। सीओ ने बताया कि यह मामला संगीन है, इसलिए विशाल के खतौली के कॉलेज में परीक्षा देने के संबंध में रिकार्ड और जानकारियां जुटाई जा रही हैं। पिता की रिटायरमेंट पार्टी बताकर गया था जम्मू

मीरापुर (मुजफ्फरनगर) : कस्बे के कॉलेज से एग्रीकल्चर में बीएससी करने वाला रसाना गांव का विशाल जंगोत्रा गंभीर प्रवृत्ति का था, वह साथी छात्रों और मकान मालिकों से भी ज्यादा बात नहीं करता था। कस्बे की पंजाबी कालोनी में एक महिला के मकान में उसके किराए पर कमरा लिया हुआ था। उसके साथियों से जानकारी मिली है कि जनवरी में पेपरों के बीच वह पिता के रिटायरमेंट की पार्टी बताकर अपने घर गया था। मकान मालिक का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन के लोगों की जिम्मेदारी पर उन्होंने जम्मू के युवक को कमरा दिया था। कमरे में उसका चचेरा भाई सचिन और पंजाब का छात्र नीरज भी रहते थे। दोनों जनवरी में पेपर खत्म होने के बाद अपने घर लौट गए थे, लेकिन विशाल वहीं पर रुका हुआ था। मकान मालिक ने बताया कि विशाल के कमरे का दरवाजा बाहर गली में था, इसलिए उसके आने-जाने की उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है। विशाल के कुछ अन्य सहपाठियों ने दबी जुबान इतना जरूर कहा कि जनवरी में वह पेपरों के दौरान अपने पिता की रिटायरमेंट की पार्टी बताकर जम्मू गया था। वहां उसने क्या किया, यह किसी को नहीं पता। वहां से लौटने के बाद उसे गुमशुम देखा गया। कॉलेज के गाइड करते थे छात्रों की पहचान

खतौली में मीरापुर के जिस कालेज का सेंटर परीक्षा के लिए लगा हुआ था, उसमें ज्यादातर बच्चे बाहरी राज्य जम्मू-कश्मीर, केरल, तामिलनाडु, गुजरात के थे। उनकी पहचान के लिए मीरापुर के कालेज से परीक्षा केंद्र पर गाइड की व्यवस्था की गई थी। खतौली परीक्षा केंद्र के प्राचार्य का दावा है कि प्रवेश पत्र पर चस्पा फोटो के आधार पर ही परीक्षा कराई गई है।


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