परिवार के सदस्य आपस में बन गए मददगार
कोरोना वायरस के चलते लोग सड़कों और बाजारों में नहीं जा पा रहे हैं। दोस्तों और रिश्तेदारों से भी मिलना नहीं हो पा रहा है लेकिन ऐसे समय में परिवार के सदस्य आपस में मददगार बन गए हैं।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। कोरोना वायरस के चलते लोग सड़कों और बाजारों में नहीं जा पा रहे हैं। दोस्तों और रिश्तेदारों से भी मिलना नहीं हो पा रहा है, लेकिन ऐसे समय में परिवार के सदस्य आपस में मददगार बन गए हैं। एक दूसरे की जरूरतों का ध्यान रखते हुए घर के कार्यो में सहयोग कर रहे हैं। साथ ही अपनी और अपनों की सेहत का ध्यान भी रख रहे हैं।
रालोद के पूर्व विधायक और गढ़ी नौआबाद निवासी राजपाल सिंह बालियान बताते हैं कि लॉकडाउन में अधिकांश समय खेत-खलिहान और अपने परिवार के बीच गुजर रहा है। रविवार सुबह खेत में गए और गन्ने की बुवाई कराई। बुवाई करने वाले किसानों और मजदूरों को कोरोना वायरस के बारे में जानकारी देते हुए अधिकांश समय घर में गुजारने का आह्वान किया। लॉकडाउन के समय में एक ही रास्ता अपनाना है और वह रास्ता है घर से खेत और खेत से घर। भीड़ एकत्र नहीं करनी है। सावधानी ही कोरोना वायरस से बचाव है। उन्होंने दोपहर को घर आकर पशुओं की सेवा की। इसके बाद परिवार के साथ खाना खाया। फोन पर ही क्षेत्र के लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक किया।
भाकियू के मंडल अध्यक्ष और गांव भैंसी निवासी राजू अहलावत ने बताया कि रविवार को अधिकांश समय परिजनों के साथ बिताया। रसोईघर में पत्नी की मदद करते हुए सब्जी साफ पाने से धोने और काटने का कार्य किया। बच्चों को फल काटकर खिलाए। परिजनों से साफ कहा गया है कि घर से बाहर कतई न निकलें और पड़ोस के लोगों को भी इसके बारे में बताते रहें। बार-बार साबुन से हाथ सैनिटाइज करते रहे। दोपहर को गांव के बाहर मुख्य मार्ग पर जाकर बाहर से आ रहे लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कराई। इस बारे में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम से भी फोन पर बातचीत की गई।