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शुकतीर्थ के बजाय गांव में ही करें दाह संस्कार

कोरोना वायरस के चलते देश भर में लॉकडाउन का पालन करना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है इसलिए हम शव को अंतिम संस्कार के लिए शुकतीर्थ गंगा घाट पर लेकर जाने के बजाय अपने गांव के श्मशान घाट पर दाह संस्कार करें।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 10:12 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 10:12 PM (IST)
शुकतीर्थ के बजाय गांव में ही करें दाह संस्कार
शुकतीर्थ के बजाय गांव में ही करें दाह संस्कार

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। कोरोना वायरस के चलते देश भर में लॉकडाउन का पालन करना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है, इसलिए हम शव को अंतिम संस्कार के लिए शुकतीर्थ गंगा घाट पर लेकर जाने के बजाय अपने गांव के श्मशान घाट पर दाह संस्कार करें।

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श्री गंगा सेवा समिति शुकतीर्थ के महामंत्री महकार सिंह का कहना है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए हमारा अपने घरों में रहना बहुत जरूरी है। जिले के विभिन्न गांवों में होने वाली आकस्मिक मौत के बाद ग्रामीण शव को दाह संस्कार के लिए शुकतीर्थ हरिश्चंद्र श्मशान घाट पर लेकर आते है। लॉक डाउन के चलते बेहतर होगा कि हम शव का अंतिम संस्कार शुकतीर्थ करने के बजाए अपने गांव के श्मशान घाट पर दाह संस्कार करें। रविवार को मंसूरपुर क्षेत्र के गांव सोंटा से शव दाह संस्कार के लिए कई दर्जन लोग शुकतीर्थ हरिश्चंद्र श्मशान घाट पहुंचे, जहां पर तैनात कर्मचारी ने शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए शव का अंतिम संस्कार कराया। नगरी के साधु-संत समाज ने भी जनपद वासियों से शुकतीर्थ गंगा घाट पर शव को लाने के बजाए अपने गांव के श्मशान घाट पर दाह संस्कार करने की अपील की है।


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