इधर सजा का एलान, उधर घरों में चीख-पुकार
फैसले पर बोले परिजन, हमें इंसाफ नहीं मिला। न्याय के लिए ऊपरी अदालत की शरण लेंगे।
जानसठ (मुजफ्फरनगर) : कवाल कांड के सातों हत्यारों के परिजनों को जैसे ही उनकी सजा का पता चला तो घरों में चीख-पुकार मच गई। परिजन सरकारी तंत्र को कोसते हुए कहने लगे कि उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ। वह न्याय के लिए ऊपरी अदालत की शरण में जाएंगे। घरों से महिलाओं के रोने की आवाजें बाहर आने लगीं। सजा की खबर मिलने पर गांव के लोग उनके घरों पर लोग जमा होने लगे। जिन्हें पुलिस ने तितर-बितर किया।
परिजनों का यह भी कहना था कि पुलिस ने सही जांच नहीं की। उनके बच्चों को तो बलि का बकरा बना दिया गया। सातों अभियुक्तों के घर में महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल था। मुजम्मिल व मुजस्सिम के परिजनों ने बात करने से इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि शाहनवाज को मारने के लिए सचिन व गौरव अपने परिजनों के साथ आए थे, वह उन्हें मारकर वापस जा रहे थे तो भीड़ ने उन्हें पकड़कर मार डाला। उनके बच्चे तो घर पर भी नहीं थे, लेकिन राजनीति के चलते उनके बच्चों को पुलिस ने फंसा दिया। उन्होंने सवाल किया कि छोटे-छोटे बच्चे हैं, उनका लालन-पालन कौन करेगा। सजा के बाद मुस्लिम बहुल बस्ती में रोष नजर आया। लोग आक्रोशित होकर उनके घरों के बाहर एकत्र होने लगे तो पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए घरों के बाहर एकत्र हो रहे लोगों को वहां से हटाया।