अफसर नहीं हटा तो धरने पर बैठेंगे विधायक
48 घंटे में कार्यवाही के आश्वासन पर कर्मियों की हड़ताल स्थगित। विधायक बोले, अफसरों की ऐसी कार्यप्रणाली आज तक नहीं देखी।
मुजफ्फरनगर : समाज कल्याण अधिकारी और कर्मचारियों के बीच चल रहे विवाद की गूंज शासन तक पहुंच गई है। जांच अधिकारियों की अदला-बदली से सदर विधायक कपिलदेव अग्रवाल और बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की ऐसी कार्यशैली कभी नहीं देखी। 24 घंटे में जिला समाज कल्याण अधिकारी को हटवाया जाएगा, यदि ऐसा नहीं हुआ तो सोमवार से वह भी कर्मचारियों के धरने में शामिल होंगे।
जिला समाज कल्याण अधिकारी भरतलाल गोंड के खिलाफ विकास भवन के कर्मचारी दो दिन से हड़ताल पर हैं। गुरुवार को दोपहर में सदर विधायक कपिलदेव अग्रवाल और बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक धरने पर पहुंचे। सदर विधायक ने कहा कि जिला समाज कल्याण अधिकारी तीन माह से विवादों में हैं। पहले पटल बदलने को लेकर 10 लाख रुपये का मामला सामने आया था। उन्होंने डीएम को कार्यवाही के लिए पत्र लिखा था, लेकिन पत्र का आज तक जवाब नहीं मिला। सीडीओ ने समाज कल्याण अधिकारी को हटाने की संस्तुति दो बार की, लेकिन नहीं हटाया गया। सीडीओ के रहते उनके अधीनस्थ अधिकारियों से जांच कराने का क्या मतलब? इस प्रकार के प्रकरणों से सरकार की छवि खराब हो रही है। शासन को इस बारे में रिपोर्ट भेजी है। मुख्यमंत्री से मिलकर सभी प्रकरण रखे जाएंगे। 48 घंटे में जिला समाज कल्याण अधिकारी को हटवाया जाएगा, अन्यथा वह भी धरने पर बैठेंगे।
बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक ने कहा कि 48 घंटे में अधिकारी पर कार्यवाही कराकर ही दम लेंगे। कर्मचारी को पुलिस हिरासत में भिजवाना ¨नदनीय है। ऐसा आज तक नहीं देखा गया कि अधिकारी अपने कर्मचारी को गिरफ्तार कराए। व्यवस्था खराब करने वाले अधिकारियों को जनपद में रहने नहीं दिया जाएगा। कार्यवाही नहीं हुई तो सोमवार से धरना साथ देंगे। इस पर कर्मचारियों ने शनिवार तक धरना स्थगित कर दिया। इस दौरान राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष राहुल चौधरी, विकास भवन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजीव शर्मा, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष रवींद्र नागर, कुलदीप शर्मा, सुनील कुमार, आदर्श चौधरी, आनंद तिवारी, विकास कुमार, पंकज बालियान व अर¨वद बालियान आदि मौजूद रहे। सांसदजी, अफसर बेइमान
कर्मचारी सुबह सांसद डॉ. संजीव बालियान से उनके आवास पर जाकर मिले। सांसद को पूरे मामले की जानकारी दी। सांसद ने कहा कि सच बताओ मामला क्या है? कर्मचारी ने सांसद के समक्ष भगवान राम की कसम खाते हुए कहा कि अधिकारी बेइमान है। तीन माह पहले फोन पर पटल बदलने के लिए 10 लाख रुपये मांगे गए। इसी की रंजिश के चलते पुलिस हिरासत में भिजवाया गया। एडीएम प्रशासन ने की जांच
एडीएम ई अमित कुमार ने मामले की जांच-पड़ताल की। उन्होंने कर्मचारियों से बातचीत कर जानकारी हासिल की। बाद में कहा कि शासन से जानकारी मिली है कि विभाग में नया अधिकारी आ रहा है। जिसके चलते दो दिन के लिए धरना स्थगित कर दिया जाए।