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जल है तो कल है.. करने होंगे भगीरथ प्रयास

मानव शरीर पांच तत्वों जल वायु अग्नि पृथ्वी और आकाश से मिलकर बना है। इनमें से मानव जल का अत्यधिक दुरुपयोग कर रहा है। यदि आज नहीं संभले तो आने वाली पीढ़ी के सामने जल संकट खड़ा हो जाएगा। जल संकट न हो इसके लिए आज से ही भगीरथ प्रयास करने होंगे। इसमें जनमानस के साथ ही सरकारी सिस्टम की महती भूमिका है। दरअसल जिले में 400 से अधिक तालाब ऐसे हैं जिनकी सालों से खोदाई नहीं हुई है। आधुनिकता की दौड़ में गननचुंबी इमारतें बनायी जा रहीा हैं लेकिन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 11:24 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 11:24 PM (IST)
जल है तो कल है.. करने होंगे भगीरथ प्रयास
जल है तो कल है.. करने होंगे भगीरथ प्रयास

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। मानव शरीर पांच तत्वों जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी और आकाश से मिलकर बना है। इनमें से मानव जल का अत्यधिक दुरुपयोग कर रहा है। यदि आज नहीं संभले तो आने वाली पीढ़ी के सामने जल संकट खड़ा हो जाएगा। जल संकट न हो इसके लिए आज से ही भगीरथ प्रयास करने होंगे। इसमें जनमानस के साथ ही सरकारी सिस्टम की महती भूमिका है। दरअसल, जिले में 400 से अधिक तालाब ऐसे हैं, जिनकी सालों से खोदाई नहीं हुई है। आधुनिकता की दौड़ में गननचुंबी इमारतें बनायी जा रहीा हैं, लेकिन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।

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जिले में चुनिदा ही भवन हैं, जिनमें वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम हैं। विकास भवन, डीएम कार्यालय में यह सिस्टम लागू हैं, लेकिन अधिकतर सरकारी भवन इससे अछूते हैं। शिक्षण संस्थाओं में भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बरसात से पहले हर साल जल संचय के लिए कार्ययोजना बनती है, लेकिन धरातल पर यह योजना लागू नहीं हो पाती है। इस बार भी जिले में वृहद स्तर पर तालाबों की खोदाई का प्लान तैयार किया गया, लेकिन सरकारी मशीनरी के पंचायत चुनाव और कोरोना संक्रमण की रोकथाम में व्यस्त होने के चलते अभियान सही से क्रियान्वित नहीं हो पाया। जिले में 630 तालाबों की खोदाई का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन एक तिहाई की भी ठीक से खोदाई नही हो पाई। तालाबों के किनारे मिट्टी कटान रोकने और राहगीरों की धूप से रक्षा के लिए छायादार पौधे भी नहीं लगाए गए हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि चुनाव बाद इस अभियान को युद्ध स्तर पर चलाया जाएगा।

नागरिकों को भी अपने स्तर से पानी की बूंद-बूंद बचानी होगी। घरों में सबमर्सिबल से पानी को दोहन को बंद करना होगा। किसान को भी खेतों में सिचाई के तौर-तरीके बदलने होंगे। सभी के सामूहिक प्रयास से जल संकट को दूर किया जा सकता है।

सीडीओ आलोक कुमार यादव का कहना है कि तालाबों की खोदाई बीते दिनों मनरेगा श्रमिकों से कराई गई थी। पंचायत चुनाव के बाद अभियान में तेजी लाई जाएगी।


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