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सरकारी अस्पतालों में पर्यावरण की पहचान बने हर्बल गार्डन

प्रकृति से प्रेम हर मनुष्य को है लेकिन पौधारोपण कर पर्यावरण को बचाने के लिए काम करने वाले कुछ लोग अपने प्रकृति के प्रेम को रंग देकर पर्यावरण बचाने के लिए जमीन पर काम कर रहे हैं। जिले में दिया सामाजिक संस्था से जुड़े लोग पर्यावरण बचाने के लिए लोगों को आयुर्वेदिक चिकित्सा से जोड़ने तथा औषधियुक्त पौधे रोपेने को प्रेरित कर रहे हैं। उन्हीं की बदौलत जिला अस्पताल से लेकर देहात क्षेत्रों में बने स्वास्थ्य केंद्रों में हर्बल गार्डन की पहचान बनी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 11:34 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 11:34 PM (IST)
सरकारी अस्पतालों में पर्यावरण की पहचान बने हर्बल गार्डन
सरकारी अस्पतालों में पर्यावरण की पहचान बने हर्बल गार्डन

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। प्रकृति से प्रेम हर मनुष्य को है, लेकिन पौधारोपण कर पर्यावरण को बचाने के लिए काम करने वाले कुछ लोग अपने प्रकृति के प्रेम को रंग देकर पर्यावरण बचाने के लिए जमीन पर काम कर रहे हैं। जिले में दिया सामाजिक संस्था से जुड़े लोग पर्यावरण बचाने के लिए लोगों को आयुर्वेदिक चिकित्सा से जोड़ने तथा औषधियुक्त पौधे रोपेने को प्रेरित कर रहे हैं। उन्हीं की बदौलत जिला अस्पताल से लेकर देहात क्षेत्रों में बने स्वास्थ्य केंद्रों में हर्बल गार्डन की पहचान बनी है।

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जिले के सरकारी अस्पतालों में बने हर्बल गार्डन पर्यावरण की सुगंध से लबरेज हैं। जिला अस्पताल सहित जिला महिला अस्पताल व देहात क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में दिया सामाजिक संस्था के प्रयास से हर्बल गार्डन तैयार हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में बने ये हर्बल गार्डन मरीज और तीमारदारों में भी सकारात्मक ऊर्जा पैदा करने का काम कर रहे हैं। यह काम जिले की दिया सामजिक संस्था की ओर से किया जा रहा है। संस्था के सचिव अमित कुमार ने बताया कि वह डब्लूएचओ में फील्ड आफिसर की नौकरी करते हैं। इस दौरान उन्होंने अपनी संस्था के माध्यम से सरकारी अस्पतालों में हर्बल गार्डन बनाने की रूपरेखा तैयार की। अमित कुमार ने बताया कि वह अपने संस्था के अध्यक्ष संजीव मलिक मासूम व अन्य के साथ मिलकर इस अभियान को पिछले दस वर्ष से चला रहे हैं। हर्बल गार्डन तैयार करने के पीछे का मकसद अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों में आयुर्वेदिक पौधों के बारे में जानकारी देने सहित उन्हें उनका लाभ दिलाना है। इन औषधीय पौधों से तैयार हुए हैं हर्बल गार्डन

अमित कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल सहित मखियाली, भोपा, बुढ़ाना सीएचसी में हर्बल गार्डन बनाया गया है। वहीं मोरना, पुरकाजी और सिखेड़ा पीएचसी में भी यह गार्डन बनाया गया है। हर्बल गार्डन में विशेष रूप से आंवला, नीम, तुलसी, गिलोया, हारश्रृंगार, दालचीनी, इलायची, हल्दी व एलोवेरा आदि के पौधे लगे हैं, जहां से मरीजों को आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए भी लाभ मिल रहा है।

पीएचसी सिकंदरपुर में रौपें गए पौधें

हर्बल गार्डन तैयार करने के लिए संस्था के लोग लगातार लगे हुए हैं। गुरुवार को सिकंदपुर पीएचसी में भी हर्बल गार्डन की स्थापना हुई। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. अर्जुन सिंह, डा. आरडी गौड़, डा. परितोष मुदगल, डा. इफ्तिखार अली अंसारी व संस्था के सचिव अमित कुमार आदि ने वहां आंवला, नीम, तुलसी, गिलोया, हारश्रृंगार, दालचीनी, इलायची, हल्दी, एलोवेरा आदि के कई दर्जनों पौधों को रौंपा। कार्यक्रम में भारत ज्ञान विज्ञान समिति के संजीव मलिक, सुदेशपाल, राष्ट्रीय युवा स्वयं सेवक प्रीति पाल, प्रियंका कुमारी, दुर्गेश शर्मा, प्रिया व स्वीटी आदि भी मौजूद रहीं।


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