हद है लापरवाही की : मुजफ्फरनगर में बैंक खुला छोड़ घर जाकर सो गए कर्मचारी
कुछ यात्री बैंक के सामने ई-रिक्शा और टेम्पो के इंतजार में खड़े हो गए। काफी देरी तक यातायात का कोई साधन नहीं मिलने पर वह बैंक के चैनल से सटकर खड़े हो गए।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। देश में भले ही राम राज न हो लेकिन मुजफ्फरनगर में रेलवे स्टेशन रोड पर तो है। इसमें भी यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में तो विशेष कृपा है। यहां के कर्मचारी बैंक की शाखा को खुली छोड़कर घर जाकर सो गए। बैंक खुला रहने पर गश्त के दौरान पुलिस पहुंची और देर रात मैनेजर को ढूंढा। इसके बाद बैंक पर ताला लगाया गया। इस अव्वल दर्जे की लापरवाही करने वालों के मुंह फिलहाल बंद हैं।
रेलवे स्टेशन से आने वाले कुछ यात्री बैंक के सामने ई-रिक्शा और टेम्पो के इंतजार में खड़े हो गए। काफी देरी तक यातायात का कोई साधन नहीं मिलने पर वह बैंक के चैनल से सटकर खड़े हो गए। इसी दौरान चैनल एक ओर को खिसक गया। इस पर यात्रियों ने देखा कि चैनल में दोनों ओर से ताला बंद नहीं किया गया। यह मंजर देख भौचक रह गए। उन्होंने इसकी सूचना पास के दुकानदारों को दी। अन्य यात्री भी वहां एकत्र हो गए।
उन्होंने चैनल खोलकर देखा तो अंदर का मुख्य दरवाजा भी खुला था। इससे यात्री और दुकानदारों में खलबली मच गई। 100 नंबर पर पुलिस को सूचना दी गई। डायल-100 व सिविल लाइन पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने भी चैनल और मुख्य द्वार चेक किया तो दोनों खुले पाए गए। अनुमान लगाया कि बैंक कर्मचारी मुख्य द्वार और चैनल बंद करना भूल गए। बैंक के अंदर अंधेरा था, जिससे साफ है कि अंदर की सभी लाइट बंद की गईं। प्रथम तल पर बैंक शाखा है। दूसरे तल पर एक परिवार रहता है।
माफ करना ताला लगाना भूल गए
देर रात मैनेजर मुकेश शर्मा से पुलिस ने संपर्क कर लिया। मैनेजर ने रात 11 बजे आकर रिकार्ड और कैश का मिलान किया। सब कुछ सुरक्षित मिलने पर पुलिस और मैनेजर ने राहत की सांस ली। मैनेजर मुकेश शर्मा ने पुलिस से लिखित माफी मांगते हुए कहा कि स्टाफ के लोग बैंक बंद करना भूल गए थे। आगे से प्रकार की गलती नहीं होगी।
डीजीपी ओपी सिंह ने मंगलवार को की थी बैठक
डीजीपी ओपी सिंह ने मंगलवार को लखनऊ में बैंकों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बैठक की थी। इसमें सभी बैंकों के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। पुलिस मुख्यालय में सभी बैंकों के सीनियर अधिकारियों के साथ ओपी सिंह ने बैठक की थी। उन्होंने सभी बैंकों व एटीएम में समुचित गार्डो की व्यवस्था, अलार्म सहित सभी सुरक्षा उपकरण को इलेक्ट्रॉनिक व डिजिटल बनाने का निर्देश दिया था।