अब शहर से गांव तक आनलाइन मिलेंगे बढई और कारपेंटर
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। यदि आपको अपने घर, आफिस सहित अन्य भवनों में रंगाई-पुताई से लेकर अन्य कामकाज कराना हो तो अब बढ़ई से लेकर कारपेंटर के मिस्त्री तक अब आपको घर बैठे आनलाइन मिल सकेंगे। यह सेवाएं केवल शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के कुशल कामगारों से भी आनलाइन संपर्क हो सकेगा। श्रम एवं सेवायोजन मंत्रालय के सेवामित्र.यूपी.जीओवी.इन पोर्टल पर कुशल कामगार और सर्विस प्रोवाइडर का अब पंजीकरण विभाग ने शुरू कर दिया है। इसका परिणाम जल्द ही लोगों को सुविधा में रूप में मिलने लगेगा।
निजी क्षेत्र में सर्विस देने के लिए चल रही विभिन्न आनलाइन कंपनियों के बीच अब उत्तर प्रदेश में सरकार की तरफ से चलने वाला आनलाइन पोर्टल जनपद में शुरू किया गया है। श्रम एवं सेवायोजन मंत्रालय के आदेश पर मुजफ्फरनगर के जिला सेवायोजन कार्यालय में इसके लिए काम शुरू हो गया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के कुशल कामगारों और सर्विस प्रोवाइडर को जिला सेवायोजन कार्यालय से बनी सेवामित्र.यूपी.जीओवी.इन पोर्टल पर पंजीकरण कर जोड़ा गया है। सहायक जिला सेवायोजन अधिकारी डा. सोनाली सिंह ने बताया कि अभी तक सेवामित्र पोर्टल से पांच टूर एंड ट्रेवल कंपनी और दो आइटी कंपनी सर्विस प्रोवाइडर के रूप में जुड़ी हैं। धीरे-धीरे सरकार की इस योजना पर मिस्त्रियों और ठेकेदारों सहित सर्विस देने वाली विभिन्न कंपनियों को जोड़ा जा रहा है, ताकि आम लोग घर बैठे अपने काम के अनुसार सेवाओं के लिए सीधे संपर्क कर सकें।
---
सेवामित्र पोर्टल में पंजीकृत ठेकेदारों को मिलेगा सरकारी काम
डब्लूडब्लूडब्लू.सेवामित्र.यूपी.जीओवी.इन पोर्टल और एप नागरिकों, सरकारी विभागों, नियोजकों के लिए बनाया है। ठेकेदार भी अपने काम के लिए यहां से मिस्त्रियों को ले सकते हैं। सरकारी विभागों में होने वाले काम भी इसी पोर्टल पर पंजीकृत ठेकेदारों से कराएं जाएंगे। इसके लिए श्रम एवं सेवायोजन मंत्रालय से जीओ जारी हुआ है।
---
इन्होंने कहा..
श्रम एवं सेवायोजन मंत्रालय के आदेश पर जिले में सेवामित्र.यूपी.जीओवी.इन पोर्टल और एप बनाया गया है। इसमें बढई, कारपेंटर, ड्राइवर, ब्यूटीशियन सहित अन्य सेवाओं के लिए पंजीकरण होंगे। ठेकेदार भी पंजीकरण कराएंगे। कुशल कामगार का पंजीकरण नि:शुल्क रहेगा। सर्विस प्रोवाइडर के लिए दो हजार रुपये शुल्क रखा गया है। सरकारी विभाग में होने वाले काम पोर्टल पर पंजीकृत ठेकेदार को ही दिए जाएंगे।
पारुल सिंघल, जिला सेवायोजन अधिकारी