गंगा हमारी मां है, उसमे गंदगी न फैलाएं : देवकी नंदन
पौराणिक तीर्थनगरी शुकतीर्थ स्थित शुकदेव आश्रम में विश्व शांति सेवा ट्रस्ट द्वारा चल रही श्रीमछ्वागवत कथा के पांचवें दिन मंगलवार को विश्व प्रसिद्ध कथा व्यास धर्मरत्न शांतिदूत देवकी नंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा कि आज गंगा की शुद्धता की सर्वाधिक आवश्यकता है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। पौराणिक तीर्थनगरी शुकतीर्थ स्थित शुकदेव आश्रम में विश्व शांति सेवा ट्रस्ट द्वारा चल रही श्रीमछ्वागवत कथा के पांचवें दिन मंगलवार को विश्व प्रसिद्ध कथा व्यास धर्मरत्न शांतिदूत देवकी नंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा कि आज गंगा की शुद्धता की सर्वाधिक आवश्यकता है। गंगा-यमुना शुद्ध हो यह जीवन का उद्देश्य होना चाहिए, गंगा हमारी मां है, उसमें हमें गंदगी नहीं फैला नहीं चाहिए।
सरकार को गंगा शुद्धता का कड़ाई से पालन करना चाहिए, इसके अलावा हम भी तीर्थ पर गंगा स्नान यमुना स्नान करने जाएं तो साबुन, तेल जिससे जल जीव का नुकसान होता है, इसलिए इनका उपयोग न करें। अपने कपड़े इत्यादि भी अपने घर जाकर धोने चाहिए। जल का शुद्ध रहना इस जीवन की सर्वाधिक आवश्यकता है। दान करना पुण्य करना है। हनुमद्धाम से पधारे महामंडलेश्वर स्वामी केशवानंद जी महाराज ने प्रवचन करते हुए गर्भ के संस्कार पर जोर दिया। भागवत कथा गर्भ से प्रारंभ होती है, गर्भ का संरक्षण संवर्धन आवश्यक है। इससे पूर्व महामंडलेश्वर स्वामी केशवानंद जी महाराज व गीतानंद गिरी जी महाराज ने व्यास पूजन करा कथा का शुभारंभ किया, तत्पश्चात मुख्य यजमान दिल्ली के मुकेश पांडेय भागवत पीठ का पूजन किया। कथा में मुख्य रूप से महामृत्युंजय सेवा मिशन अध्यक्ष पंडित संजीव शंकर, एसपी अग्रवाल, जेपी सिघल, सुरेश गोयल जयपुर, सतीश गर्ग आगरा, विजय शर्मा आदि मौजूद रहे।
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