अशिक्षितों के साथ शिक्षित भी फैला रहे कूड़ा
मुजफ्फरनगर: नगर में तीन दिन तक कूड़े को लेकर सर्वे किया गया है। इसमें तथ्य चौंकाने वाले स
मुजफ्फरनगर: नगर में तीन दिन तक कूड़े को लेकर सर्वे किया गया है। इसमें तथ्य चौंकाने वाले सामने आए हैं। अशिक्षितों के साथ पढ़े-लिखे लोग भी कूड़ा फैला रहे हैं। सर्वे में तीन दिन तक 75 आवासी लोग तथा 25 व्यवसायिक दुकानों को शामिल रखा गया है। उच्च वर्ग परिवारों से प्लास्टिक, ग्लास, मेटल के साथ मिट्टी का कूड़ा 25 किलो, मध्य वर्ग में 40 किलो तथा निम्न वर्ग परिवारों ने तीन दिन 65 किलो कूड़ा बाहर फेंका है।
नगर पालिका बड़े स्तर पर शहर की सुंदरता, स्वच्छता पर पैसा खर्च करती है। एटूजेड प्लांट लगाकर कूड़े से इनकम के रास्ते तलाशे जा रहे हैं, मगर यह प्रोजेक्ट भी इतना सफल नहीं हो रहा है। सफाई पर पालिका हर माह लाखों रुपये खर्च करती है। उसके बाद भी शहर सड़ता है। इससे पहले शासन ने सर्वे कराया है। यह सर्वे नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों के साथ आर्किटेक्ट हितेश राणा की टीम ने किया है। इस टीम ने नगर के 25 उच्च वर्गीय, 25 मध्य वर्ग, 25 निम्न वर्गीय परिवारों को तीन दिन तक वॉच किया गया। इसमें देखा गया है कि यह परिवार तीन दिन में कितना कूड़ा सड़क या डलाव घर तक पहुंचाते हैं। इनमें सबसे घातक स्थिति निम्न परिवारों से सामने आई है। इन परिवारों ने 65 किलो से अधिक कूड़ा फेंका है। इसमें कांच, प्लास्टिक, पेपर के साथ मिट्टीयुक्त कूड़ा शामिल है। सर्वे में इन्हें अनपढ़ या कम ज्ञान माना गया है, जबकि उच्च वर्ग और मध्यम वर्ग को समझदार माना है, लेकिन दोनों वर्गों का मिलाकर कूड़ा 65 किलो रहा है। रिपोर्ट के आधार पर तय होंगे संसाधन
कूड़े की रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी गई है। इसके आधार पर ही पालिका के संसाधन तय किए जाएंगे। कूड़ा उठाने से लेकर पालिका का बजट भी इसी के आधार पर दिया जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद पालिका प्रशासन की भी टेंशन बढ़ गई है। चूंकि लाखों रुपये खर्च के बाद भी हालात बेपटरी है। इन्होंने कहा
नगर में 100 परिवारों के बीच सर्वे कराया गया है। इसमें कूड़ा एकत्र होने और किस-किस प्रकार का कूड़ा निकल रहा है। यह देखा गया है। रिपोर्ट को शासन के सुपुर्द किया जाएगा।
हितेश राणा, आर्किटेक्ट एवं सर्वे प्रभारी।