कूड़े के पहाड़ खत्म करने की मंशा पर फिरा पानी
भारत स्वच्छ मिशन को नगर पालिका पलीता लगाने पर तुली है। किदवईनगर में कूड़ा निस्तारण के ठोस कदम नहीं उठाए जा सके हैं। बोर्ड बैठक में भी प्रस्ताव फेल हो गया। इससे अधिक समस्या बढ़ गई है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन।
भारत स्वच्छ मिशन को नगर पालिका पलीता लगाने पर तुली है। किदवईनगर में कूड़ा निस्तारण के ठोस कदम नहीं उठाए जा सके हैं। बोर्ड बैठक में भी प्रस्ताव फेल हो गया। इससे अधिक समस्या बढ़ गई है। शहर में रोजाना एकत्र कूड़े को यहीं पर डाला जा रहा है। जिससे यहां कूड़े के पहाड़ बन गए हैं।
एटूजेड प्लांट बंद होने के बाद शहर में कूड़ा निस्तारण चुनौती बन गया है। छह माह से पालिका नई कंपनी पर निर्णय नहीं ले सकी है। साथ ही किदवईनगर में रोजाना लगभग शहर से एकत्र करीब 140 टन कूड़े को यहां डलवाया जा रहा है, जबकि इसके खात्मे की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। ऐसे में कूड़े के अंबार लगने से मुसीबतें बढ़ गई हैं। कूड़े से जैविक खाद बनाने की योजना पर भी काम नहीं हो सका है। पालिका प्रशासन ने हरियाणा के सोनीपत की कंपनी से कूड़ा निस्तारण के लिए अनुबंध की तैयारी की थी, जिसका प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा गया। प्रस्ताव पर सभासदों ने हाथ खड़े कर दिए। बारिश होते ही फैलेगी बीमारी
किदवईनगर में करीब 2000 टन से अधिक कूड़ा पड़ा है। यह कूड़े पूरे क्षेत्र को घेर रहा है। इतना ही नहीं गंदगी से लोगों का जीना मुहाल है। बारिश पड़ते ही यहां बीमारियों के फैलने की संभावना से खुद पालिका इंकार नहीं कर रही है। बावजूद इसके समस्या हल करने में अफसर नाकाम साबित हो रहे हैं। सभासद ने दी शिकायत
सभासद राजीव शर्मा के मुताबिक किदवईनगर में प्लांट बंद होने से कूड़े के पहाड़ लगे है। यह शहर के स्वास्थ्य को खराब करने जैसा है। भारत स्वच्छ मिशन को पालिका गंभीरता से नहीं ले रही है। मामले में डीएम के साथ मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी गई है। वर्जन..
बोर्ड बैठक में कूड़ा निस्तारण का प्रस्ताव पारित नहीं हो सका है। अब पालिका अपने स्तर इस समस्या को हल करने के प्रयास कर रही है।
-अंजू अग्रवाल, पालिकाध्यक्ष, नगर पालिका