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साक्ष्य के अभाव में दंगे के पांच आरोपित बरी

आठ साल पूर्व जनपद में हुए साम्प्रदायिक दंगे के दौरान फुगाना थानाक्षेत्र के गांव बहावड़ी में आगजनी और लूटपाट के आरोपितों को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। मामले की सुनवाई एडीजे कोर्ट संख्या छह में चल रही थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 11:29 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 11:29 PM (IST)
साक्ष्य के अभाव में दंगे के पांच आरोपित बरी
साक्ष्य के अभाव में दंगे के पांच आरोपित बरी

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। आठ साल पूर्व जनपद में हुए साम्प्रदायिक दंगे के दौरान फुगाना थानाक्षेत्र के गांव बहावड़ी में आगजनी और लूटपाट के आरोपितों को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। मामले की सुनवाई एडीजे कोर्ट संख्या छह में चल रही थी।

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जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में तिहरे हत्याकांड के बाद सात सितंबर को नंगला मंदौड स्थित इंटर कालेज के मैदान में महापंचायत हुई थी। महापंचायत से लौटते समय कई स्थानों पर ट्रैक्टर ट्राली सवार लोगों पर जानलेवा हमले हुए थे। इसके बाद जनपद में अलग-अलग स्थानों पर हिसक घटनाएं हुई थी। फुगाना थानाक्षेत्र के गांव बहावड़ी निवासी नानू ने आठ सितंबर को फुगाना थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। नानू का आरोप था कि मंदौड़ महापंचायत से लौटते समय गांव के ही विनोद और उसके भाई कपिल, नरेश व उसके भाई आशीष, सुंदर और सतेंद्र ने भीड़ के साथ उसके घर पर हमला बोल दिया था। हमलावरों ने उसके घर में आग लगा दी थी और पशु और जेवर समेत अन्य सामान लूट लिया था। मामले की जांच दंगे के मुकदमों के लिए गठित की गई एसआइटी ने की थी। एसआइटी ने छह जून 2014 को विनोद, नरेश, सुंदर तथा सतेंद्र के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी, जबकि इसी मामले में आरोपित बनाए गए आशीष के खिलाफ एसआइटी ने दूसरी चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी। मामले की सुनवाई एडीजे कोर्ट संख्या छह के न्यायाधीश बाबूराम कर रहे थे। सुनवाई के दौरान वादी मुकदमा पक्षद्रोही हो गया। जिस कारण कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में विनोद, नरेश, सुंदर, सतेंद्र और आशीष को बरी कर दिया।

गैर इरादतन हत्या के मामले में छह साल की सजा

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। भौराकलां थानाक्षेत्र के चूनसा गांव में वर्ष 2014 में करंट लगने से हुई व्यक्ति की मौत के मामले में पुलिस ने एक आरोपित को छह साल की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपित पर अर्थदंड भी लगाया है।

भौराकलां थानाक्षेत्र के चूनसा गांव निवासी सोमपाल दस अगस्त, 2014 को अपने खेत में गए थे। यहां पर करंट लगने से उनकी मौत हो गई थी। मृतक के बेटे सनी ने गांव के ही प्रमोद के खिलाफ तहरीर दी थी। आरोप था कि प्रमोद ने अपने खेत में नलकूप की नाली में करंट छोड़ रखा था। उक्त करंट की चपेट में आने से सोमपाल की मौत हो गई। पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपित को जेल भेज दिया था। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में भेज दी थी। मामला एडीजे कोर्ट-14 में चल रही थी। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रमोद को आरोपित मानते हुए उसे छह वर्ष की सजा के साथ 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।


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