कर्ज में डूबे किसान ने की आत्महत्या
बैंक व कोऑपरेटिव सोसाइटी का था 2.30 लाख कर्ज। परिजनों में मचा कोहराम, मेरठ में ली अंतिम सांस।
खतौली : मंसूरपुर थाना क्षेत्र के मुनव्वरपुर गांव में कर्ज में डूबे किसान ने जहर खा लिया। किसान को गंभीर हालत में मेरठ के मोदीपुरम स्थित प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सोमवार को उसने दम तोड़ दिया। देर शाम उसका शव गांव में पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया। किसान पर एक बैंक और कोऑपरेटिव सोसाइटी का कर्ज था, जिसकी अदायगी को लेकर वह परेशान था। किसान के पुत्र ने थाने पर तहरीर दी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी।
मुनव्वरपुर निवासी 58 वर्षीय पुष्पेंद्र सैनी पुत्र ओमप्रकाश सैनी कृषि कार्य करता था। उसके पास करीब सात बीघा भूमि है। उसने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और मंसूरपुर कोऑपरेटिव सोसाइटी से कर्ज लिया था, जिसको लेकर वह टेंशन में था। शनिवार देर शाम उसने जहर खा लिया। उसे मेरठ के मोदीपुरम स्थित प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सोमवार को उसने आखिरी सांस ली। पल्लवपुरम थाने की पुलिस ने पुष्पेंद्र के शव को लाला लाजपतराय मेडिकल कालेज में पोस्टमार्टम के लिए भेजा। देर शाम शव घर पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया। शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुष्पेंद्र के परिवार में उसकी पत्नी बिरमो देवी व दो बच्चे हैं। पुष्पेंद्र के पुत्र रवींद्र ने थाना मंसूरपुर पर तहरीर दी। 2.30 लाख के लिए दे दी जान
पुष्पेंद्र के पुत्र रवींद्र ने बताया कि उसके पिता पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का करीब डेढ़ लाख रुपये और मंसूरपुर कोऑपरेटिव सोसाइटी का करीब 80 हजार रुपये का कर्ज था। कर्ज की अदायगी को लेकर उसके पिता बहुत तनाव में थे। इसी के चलते उन्होंने आत्महत्या की।
कीटनाशक पीकर दी जान
पुष्पेंद्र के पुत्र रवींद्र ने बताया कि उसके पिता ने 19 अक्टूबर की देर शाम उन्होंने कीटनाशक दवाई का सेवन किया था। उक्त दवाई में तेज जहर होने के कारण उनकी हालत बिगड़ गई थी। उन्हें मेरठ के एक नर्सिग होम में भर्ती कराया गया था। सोमवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। अब कौन चुकाएगा कर्ज?
शव पहुंचते ही घर में कोहराम मच गया। पुष्पेंद्र की पत्नी बिरमो रो-रो कर कह रही थी कि तुम तो अकेला छोड़ गए अब कौन कर्ज चुकाएगा? गांव की अन्य महिलाओं ने समझाकर ढांढस बंधाया। उधर, इंस्पेक्टर मंसूरपुर केपीएस चाहल का कहना है कि थाने पर किसी ने तहरीर नहीं दी है। न ही कोई मौखिक जानकारी मिली। तहरीर आने पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
एसडीएम इंद्रकांत द्विवेदी का कहना है कि क्षेत्र में किसी किसान के कर्ज में डूबने के चलते आत्महत्या करने की कोई जानकारी नहीं है। मामले का पता लगवाया जाएगा।