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बदमाशों के खौफ से लोग साध रहे चुप्पी

दवा विक्रेता की हत्या को आठ दिन बीत जाने के बाद कस्बे में मरघट सा सन्नाटा पसरा है। गली नुक्कड़ सभी जगहों से भीड़ गायब है। लोगों ने बदमाशों के डर से चुप्पी साध ली है। वहीं रस्सी का सांप बनाने की प्राचीन कहावत को देखते हुए कस्बे के लोग पुलिस से भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। लोगों के अंदर भय बना है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 10:46 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 05:02 AM (IST)
बदमाशों के खौफ से लोग साध रहे चुप्पी
बदमाशों के खौफ से लोग साध रहे चुप्पी

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। दवा विक्रेता की हत्या को आठ दिन बीत जाने के बाद कस्बे में मरघट सा सन्नाटा पसरा है। गली, नुक्कड़ सभी जगहों से भीड़ गायब है। लोगों ने बदमाशों के डर से चुप्पी साध ली है। वहीं, रस्सी का सांप बनाने की प्राचीन कहावत को देखते हुए कस्बे के लोग पुलिस से भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। लोगों के अंदर भय बना है।

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भोपा थाना क्षेत्र के कस्बा मोरना में हुए अनुज कर्णवाल हत्याकाड ने कस्बे के माहौल को बदल कर रख दिया है। लोग बात करने से कतराने लगे हैं। मीडिया के सामने सीना तान कर बोलने वालों ने भी चुप्पी साध ली है। लोग पुलिस को कुछ भी बताने से बच रहे हैं। जिन गलियों, मोहल्लों, नुक्कड़ और चौपालों पर सुबह से शाम तक खूब आवाजाही रहती थी, बच्चे खेलते नजर आते आते थे, वहां सन्नाटा पसरा है। दिन ढलते ही लोग घरों में घुसकर भीतर की कुंडी लगा लेते हैं। दिन में खेतों के लिए ग्रामीण समूह बनाकर जाते हैं।

पहरा दे रही है पुलिस

फेसबुक पर पुलिस को चैलेंज करने वाले शातिरों ने पुलिस को पूरी तरह से छका रखा है। पुलिस आठ दिन बीत जाने के बाद भी बदमाशों का कुछ पता नहीं लगा पाई है। दबिशों का दौर और संदिग्धों की कुटाई लगातार चल रही है। कार्रवाई के नाम पर पुलिस के पास इसका कोई जवाब नहीं है। पीड़ितों ने पलायन कर पुलिस के लिए कोढ़ में खाज का काम किया। परिवारों के चले जाने के बाद पुलिस फिलहाल उनके खाली पड़े मकान पर पहरा दे रही है। बदमाशों का शातिराना अंदाज इस तरह है कि वारदात के बाद तीनों में से एक ने भी अपना मोबाइल फोन ऑन तक नहीं किया। पुलिस बदमाशों द्वारा फिलहाल इस्तेमाल किए जा रहे नंबरों की तलाश में हैं। कस्बा व आसपास क्षेत्र में पिछले दिनों बिक्री किए गए नए मोबाइल सिम की जांच भी कर रही है। हरियाणा, उत्तराखंड के अलावा पड़ोसी जनपदों में दबिशों के बावजूद पुलिस के पास कहने को कुछ नहीं है।


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