कमांडो-थ्री के प्रदर्शन पर रोक लगे..बताया पहलवानों का अपमान
कमांडो थ्री फिल्म को लेकर पहलवानों में आक्रोश है। उन्होंने शासन-प्रशासन से फिल्म के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की है। युवा पहलवानों का कहना है कि फिल्म में पहलवानों को अपमानित करने का दुस्साहस किया गया है। पहलवान बालाजी के भक्त होते हैं और महिलाओं और बालिकाओं का सर्वाधिक सम्मान करते हैं।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। कमांडो थ्री फिल्म को लेकर पहलवानों में आक्रोश है। उन्होंने शासन-प्रशासन से फिल्म के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की है। युवा पहलवानों का कहना है कि फिल्म में पहलवानों को अपमानित करने का दुस्साहस किया गया है। पहलवान बालाजी के भक्त होते हैं और महिलाओं और बालिकाओं का सर्वाधिक सम्मान करते हैं।
पचेंडा, शाहपुर में संचालित अखाड़ों के युवा पहलवान गुरुवार को कचहरी पहुंचे। उन्होंने धरना देते हुए कहा कि हाल ही में रिजीज हुई कमांडो थ्री फिल्म में महिलाओं और खिलाड़ियों का अपमान किया गया है। फिल्म में एक खिलाड़ी बालिका का अपमान करता हुआ दिखाया गया है, जो वास्तविकता के विपरीत है। उन्होंने कहा कि पहलवान हनुमान को आदर्श मानते हैं। उन्हीं के आदर्शों पर चलकर अखाड़ों में पहलवानी करते हैं। देशभर में कहीं पर भी फिल्म में दर्शाए गए सीन के आधार पर छात्रा का अपमान नहीं किया जा सकता है। पहलवान महिलाओं और बालिकाओं का बेहद सम्मान करते हैं। किसी भी फिल्म निर्माता को कोई हक नहीं कि वह बहन, बेटियों और पहलवानों का इस प्रकार अपमान करें, जो फिल्म के माध्यम से किया गया है। प्रशासनिक अधिकारी को दिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन में युवा व बाल पहलवानों ने कहा कि फिल्म पर तत्काल रोक लगाई जाए। इस प्रकार की फिल्मों से समाज में पहलवानों के प्रति नकारात्मक छवि पैदा होगी, जिससे माटी से जुड़े इस खेल के प्रति युवाओं का मोहभंग भी हो सकता है। अखाड़ों का गौरवशाली इतिहास रहा है। कुश्ती में देश को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वाधिक मेडल मिले हैं।