मोरना (मुजफ्फरनगर) : आर्य समाज के भोकरहेड़ी कस्बे में आयोजित तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव का शुभारंभ करते हुए तपोवन योग आश्रम के महंत स्वामी भजनानंदजी महाराज ने कहा कि सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन के लिए वैदिक संस्कृति अपनाएं। अंधविश्वास, पाखंड और फरेब से बचने को सत्य, ज्ञान और पुण्य को समझें। आचरण और चरित्र जीवन की कसौटी हैं। नैतिकता से ही उपलब्धि सार्थक होती है। आर्य समाज के प्रचार की कमी से नशा, महिला शोषण, जातिवाद और बुराइयां बढ़ रही हैं। महर्षि दयानंद सरस्वती राष्ट्र की अमूल्य निधि थे। अधर्म, अन्याय, असत्य, अशुभ, अत्याचार और असहाय के शोषण का विरोध करें। स्वामी महानंदजी महाराज ने कहा कि यज्ञ और योग भारत की संस्कृति हैं। भावी पीढ़ी ब्रह्मचर्य के महत्व को जाने। ऋषि दयानंद ने सोते भारत को जगाया था। वेद सब सत्य विधाओं की पुस्तक है। वेदपाठी सुखपाल ¨सह आर्य ने कहा कि मन, वचन और कर्म से किया शुभ कार्य जीवन सफल बनाता है। वेद मंत्रों की असीम शक्ति ईश्वर प्राप्ति का मार्ग दिखती है। बच्चों को यज्ञ से जोड़ें। परिवारों में यज्ञ होने से संस्कार प्रवाहित होते हैं। मुख्य यजमान अश्विनी कुमार एवं उनकी पत्नी प्रीति रहे। कार्यक्रम में सीएमओ डॉ. पीएम मिश्रा, महाशय वीर ¨सह, बाबा ओमवीर ¨सह, जयवीर ¨सह, श्रीकृष्ण आर्य, देवपाल, उपेंद्र, कक्कू, रणवीर, ओमप्रकाश, रामवीर व ज्योतिष कुमार आदि मौजूद रहे।
राष्ट्र की अमूल्य निधि थे महर्षि दयानंद सरस्वती : भजनानंद
Author: JagranPublish Date: Mon, 29 Oct 2018 11:46 PM (IST)Updated Date: Mon, 29 Oct 2018 11:46 PM (IST)

भोकरहेड़ी में आर्य समाज का तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव शुरू
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