दंडी स्वामी र¨वद्राश्रमजी महाराज हुए ब्रह्मलीन
31 दिसंबर को दंडी आश्रम में होगी षोडसी।
मोरना : तीर्थ नगरी शुकतीर्थ स्थित दंडी आश्रम में साधना व वेद की शिक्षा देने वाले दंडी स्वामी डॉ. र¨वद्राश्रमजी महाराज ब्रह्मलीन हो गए। साधु-संतों ने आश्रम पहुंच उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। महाराज की षोडसी व श्रद्धांजलि सभा 31 दिसंबर को आश्रम में होगी।
मेरठ जिले के परीक्षितगढ़ थानातर्गत के पुट्टी गांव निवासी डॉ. रविदत्त शर्मा वर्ष 1989 में भागवत के विद्वान संत स्वामी विष्णु आश्रमजी से प्रयागराज में दीक्षा लेकर दंडी स्वामी डॉ. र¨वद्राश्रमजी महाराज हो गए थे। शुकतीर्थ व बुलंदशहर बिहार घाट स्थित आश्रम में रहकर स्वामीजी ने अनेक वर्षो तक साधना की और बच्चों को वेद की शिक्षा दी। रविवार की सुबह वे शुकतीर्थ स्थित दंडी आश्रम में ब्रह्मलीन हो गए। बुलंदशहर बिहार घाट से आए स्वामी प्रबोध आश्रमजी महाराज, कृष्ण स्वरूप महाराज, महामंडलेश्वर गुरु नीलिमा नंद महाराज, दंडी स्वामी महादेव आश्रमजी महाराज, ब्रह्मचारी गुरुदत्तजी महाराज, महामंडलेश्वर गोपाल दास महाराज, कैराना के जय स्वरूप ब्रह्मचारी, आनंद कुमार अवस्थी, मनोहर लाल शर्मा व स्वामीजी के भाई डॉ. धर्मेद्र शर्मा व पोते ¨प्रस आदि ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद महाराज श्री के शरीर को गंगाजी की मुख्य धारा में जल समाधि दी गई। उनकी षोडसी व श्रद्धांजलि सभा 31 दिसंबर को आश्रम में होगी, जिसमें भंडारे का भी आयोजन होगा।