अमजद एनकाउंटर में 11 पुलिसकर्मी कोर्ट में तलब
वर्ष 2007 में रतनपुरी पुलिस ने किया था एनकाउंटर। मृतक की मां ने फर्जी मुठभेड़ बताकर डाला था वाद।
मुजफ्फरनगर : 11 साल पुराने एनकाउंटर मामले में सीजेएम कोर्ट ने चार दारोगा और सात सिपाहियों को तलब किया है। कोर्ट ने उक्त सभी पुलिसकर्मियों को धारा 302 के तहत कोर्ट में पेश होने के आदेश जारी किए हैं। एनकाउंटर पर मानवाधिकार आयोग ने भी जांच के बाद सवाल खड़े किए थे। मृतक की मां ने एनकाउंटर को फर्जी और रंजिशन बताते हुए कोर्ट में वाद दायर किया था। बुधवार को प्रकरण को लेकर काफी भीड़-भाड़ रही।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता काजी मोहम्मद नईम और फैजयाब खान ने बताया कि एक फरवरी, 2007 को रतनपुरी पुलिस ने हरिद्वार के मंगलौर थानांतर्गत बिजौली गांव में रात्रि करीब 11 बजे दबिश दी थी। पुलिस ने दबिश देकर अमजद पुत्र खालिद को उठाया था। उसे एक मामले में पूछताछ के लिए थाने लाया गया। तीन फरवरी, 2007 को रतनपुरी पुलिस ने अमजद को एनकाउंटर में मार गिराया। इसकी मंगलौर पुलिस ने परिजनों को जानकारी दी थी। एनकाउंटर को लेकर मृतक की मां अख्तरी ने कोर्ट में वाद दायर किया। इसी बीच शिकायत पर मानवाधिकार आयोग ने भी मामले की जांच की थी। कोर्ट में मामले पर बहस हुई और लंबे अरसे से सुनवाई की जा रही है। अधिवक्ता काजी मोहम्मद नईम के अनुसार मामले में बिजौली के ¨जदा हसन, अब्दुल मन्नान, मोहम्मद वसी और मुबारिक ने गवाही दी थी। पुलिस की कहानी का भी परीक्षण किया गया है। सीजेएम राजेश कुमार गौतम की कोर्ट ने एनकाउंटर में शामिल रहे पुलिसकर्मियों को तलब किया है। कोर्ट ने दारोगा डॉ. प्रवीण कुमार, अमीर ¨सह, इकबालुज्जमा, सुधीर पाल धामा के अलावा सिपाही मीरहसन, ब्रजपाल, सोहनवीर ¨सह, नसीम अहमद, अशोक कुमार, मेगादीन ¨सह और सिपाही एवं चालक जसवीर ¨सह को धारा 302 के तहत कोर्ट में पेश होने के आदेश जारी किए हैं। इन सभी अभियुक्तों को कोर्ट ने 25 जनवरी को कोर्ट में विचारण के लिए पेश होने के आदेश दिए हैं।
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दर्द बयां करते छलक पड़ी मां की आंखें
बुधवार को कोर्ट की तारीख पर आई मृतक अमजद की मां अख्तरी ने बताया कि अमजद सहारनपुर में ट्रक चलाता था। वह महिला रिश्तेदार के यहां रहता था। अख्तरी का आरोप है कि उन दिनों दारोगा प्रवीण कुमार, सिपाही मीर हसन की तैनाती सहारनपुर में थी। सिपाही मीर हसन के अमजद की उक्त महिला रिश्तेदार से करीबी थी। अमजद के सहारनपुर में रहने का मीर हसन विरोध करता था। इसी रंजिश में उसके बेटे को उठाकर मारा गया था।