घरों में रहने की भीष्म प्रतिज्ञा से हारेगा कोरोना
देश-दुनिया के लिए बुरा वक्त चल रहा है। ऐसा भी नहीं है कि भय के माहौल की स्थिति जनता के सामने पहली बार आई हो। इतिहास गवाह है कई बार बेहद घातक और जानलेवा बीमारियों ने पैर पसारे हैं लेकिन मानव की दृढ़ इछाशक्ति ने हर बार सामने खड़ी मौत को मात दी है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। देश-दुनिया के लिए बुरा वक्त चल रहा है। ऐसा भी नहीं है कि भय के माहौल की स्थिति जनता के सामने पहली बार आई हो। इतिहास गवाह है कई बार बेहद घातक और जानलेवा बीमारियों ने पैर पसारे हैं, लेकिन मानव की दृढ़ इच्छाशक्ति ने हर बार सामने खड़ी मौत को मात दी है। यह कहना है कि सरकुलर रोड स्थित ऋषभ कालोनी निवासी शकुंतला देवी का।
जीवन के 78 बसंत देख चुकी शकुंतला देवी बताती हैं कि इमरजेंसी के दौरान अधिकांश समय परिवार के साथ घर में गुजरा। बाहर जाने पर पुलिस मारपीट करने को दौड़ती थी, लेकिन अब हालात जुदा है। तब पुलिस तानाशाही और जान लेने पर तुली थी, और अब अपनी जान आफत में डालकर लोगों को बचाने के लिए घर में रहने की अपील कर रही है। टीवी पर फिर से रामायण और महाभारत शुरू हो गया है। महाभारत के एपिसोड में भीष्म को प्रतिज्ञा लेते देखा। आज जनता को घर में रहने की भीष्म सरीखी प्रतिज्ञा लेनी होगी, तभी दिखाई नहीं देने वाले कोरोना वायरस को हराया जा सकता है। शकुंतला देवी अपने बारे में बताते हुए कहती है कि वह बेहद गंभीर बीमारी से सालों से जूझ रही हैं। चिकित्सक तरह-तरह की बातें करते हैं, लेकिन बीमारी से इस उम्र में भी जंग जारी है। हर दिन सुबह इस संकल्प के साथ बिस्तर छोड़ती हूं कि इस बीमारी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दूंगी। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए घर के किसी सदस्य को बाहर निकलने की इजाजत नहीं है, लेकिन बुरा वक्त जरूर गुजरेगा और सुनसान पड़ी गली-मोहल्लों में फिर से बहार आएंगी।