उपचार में लापरवाही से हुई थी कर्नल के भाई की मौत
-सड़क दुर्घटना में मौत-1 -मेडिकल कालेज में उपचार को तड़फता रहा था एक घंटे तक -एडीजी के निर्देश पर एसएसपी ने क्राइम ब्रांच को सौंपी जांच राशिद अली मुजफ्फररगर मंसूरपुर क्षेत्र में सड़क दुर्घटना में घायल हुए कर्नल के छोटे भाई की मौत लापरवाही व उपचार मिलने में देरी के कारण हुई थी। इस मामले में मेडिकल कालेज के चिकित्सकों सहित पुलिस के विरुद्ध की गई शिकायत पर एडीजी जोन ने गंभीरता से संज्ञान लिया। जिसके बाद एसएसपी के निर्देश पर सारे प्रकरण की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई। डीएम के निर्देश पर प्रकरण की मजिस्ट्रियल जांच भी हो चुकी है।
राशिद अली, मुजफ्फरनगर :
मंसूरपुर क्षेत्र में सड़क दुर्घटना में घायल हुए कर्नल के छोटे भाई की मौत लापरवाही व उपचार मिलने में देरी के कारण हुई थी। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों सहित पुलिस के विरुद्ध की गई शिकायत पर एडीजी जोन ने संज्ञान लिया। एसएसपी के निर्देश पर प्रकरण की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई। डीएम के निर्देश पर प्रकरण की मजिस्ट्रियल जांच भी हो चुकी है।
मेरठ के शास्त्रीनगर निवासी समाजसेवी अभिषेक राणा ने मंसूरपुर क्षेत्र स्थित एक स्कूल में गरीब बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाने का बीड़ा उठाया था। अभिषेक मंसूरपुर में ही रहकर सुबह-शाम बच्चों को पढ़ा रहे थे। 30 जनवरी, 2019 को रात में करीब 8.30 बजे वह खाना खाने के बाद टहलने के लिए निकले थे। इसी बीच मंसूरपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर तिराहा मार्ग पर दुर्घटना में घायल हो गए थे। उन्हें घायल अवस्था में मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज-बेगराजपुर लाया गया था, लेकिन करीब एक घंटा बाद सरकारी एंबुलेंस 108 से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। 20 मिनट उपचार के बाद रात करीब 10.30 बजे अभिषेक राणा ने दम तोड़ दिया। अभिषेक को नहीं दिया गया जीवन रक्षक उपचार
सड़क चलते लोगों ने अभिषेक को मेडिकल कॉलेज में अज्ञात में भर्ती कराया था। अभिषेक के भाई कर्नल अश्विनी राणा ने डीएम से की गई शिकायत में आरोप लगाया था कि मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने उसे तत्काल जीवन रक्षक उपचार नहीं दिया था। अज्ञात में भर्ती होने के कारण मेडिकल कॉलेज से उसे जिला अस्पताल रेफर कर गया दिया था। इस दौरान अभिषेक एक घंटे से अधिक समय उपचार के लिए तड़पता रहा। पुलिस ने लावारिस में कर दिया था अंतिम संस्कार
जिला अस्पताल में मौत के बाद अभिषेक का शव मोर्चरी में रखवा दिया गया था। मंसूरपुर पुलिस ने पंचनामा भरा था, लेकिन शिनाख्त न होने के कारण पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार लावारिस में कर दिया था। इससे पहले ही अभिषेक के परिजन मंसूरपुर थाने पहुंचकर उसकी गुमशुदगी दर्ज करा चुके थे। पोस्टमार्टम रजिस्टर में फोटो देख हुई थी पहचान
गुमशुदगी दर्ज होने के बावजूद कुछ पता न चलने पर मध्यप्रदेश के जनपद महू में तैनात कर्नल अश्विनी राणा ने भाई अभिषेक की तलाश शुरू की। कर्नल अश्विनी राणा ढूंढते हुए जिला अस्पताल पहुंचे और पोस्टमार्टम रजिस्टर चेक किया, जिसमें उनके भाई अभिषेक के फोटो के साथ उसका पोस्टमार्टम चढ़ा हुआ था। इससे जानकारी लेकर उन्होंने मंसूरपुर पुलिस से मिलकर कपड़ों से पहचान पूरी की। शिकायत पर एडीजी जोन ने लिया था संज्ञान
भाई की मौत के मामले में पुलिस व चिकित्सकों की संवेदनहीनता की शिकायत कर्नल अश्विनी राणा ने एडीजी जोन प्रशांत कुमार से की थी। उन्होंने एसएसपी को मामले की तहकीकात क्राइम ब्रांच पुलिस से कराने का निर्देश दिया था। एसएसपी के निर्देश पर जांच कर रहे क्राइम ब्रांच के विवेचक इंस्पेक्टर पवन शर्मा ने दुर्घटना में अभिषेक की मौत से जुड़े तथ्य जुटाए हैं। सिटी मजिस्ट्रेट ने भी मामले की जांच पूरी कर डीएम को रिपोर्ट सौंप दी है। इन्होंने कहा.
इस संबंध में मुकदमा दर्ज हो चुका है। मामले की विवेचना क्राइम ब्रांच कर रही है। चार्जशीट न्यायालय में शीघ्र ही दाखिल की जाएगी।
- सुधीर कुमार सिंह, एसएसपी फिलहाल में बाहर हूं, लौटकर ही इस मामले में कुछ बता सकूंगा।
- डॉ. वीआर शर्मा, सीएमएस, मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज