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मुजफ्फरनगर के दामन से जुड़ी हैं धरती पुत्र की यादें

संसद में खेत-खलिहान की आवाज बुलंद करने वाले किसानों के मसीहा एवं पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह ने सत्ता से ज्यादा महत्व हमेशा किसान हितों को दिया था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 11:49 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 07:36 AM (IST)
मुजफ्फरनगर के दामन से जुड़ी हैं धरती पुत्र की यादें
मुजफ्फरनगर के दामन से जुड़ी हैं धरती पुत्र की यादें

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। संसद में खेत-खलिहान की आवाज बुलंद करने वाले किसानों के मसीहा एवं पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह ने सत्ता से ज्यादा महत्व हमेशा किसान हितों को दिया था। गांवों की उन्नति के लिए वे शिक्षा को अमूल्य मानते थे। किसान मसीहा की 29 मई को 33वीं पुण्यतिथि पर उनके जीवन से जुड़ी अनेक बातें याद आती हैं।

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धरती पुत्र चौधरी चरण सिंह गांवों की तरक्की के लिए शिक्षा के बड़े हिमायती थे। उनके आदर्श, नैतिकता और अनुशासन की यादें भोपा के जनता इंटर कालेज से भी जुड़ी हैं। वीतराग स्वामी कल्याणदेव के सेवाभावी जीवन से चौधरी साहब बेहद प्रभावित थे। 11 दिसंबर 1967 को स्वामी जी के बुलावे पर बतौर मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह भोपा पधारे थे। कालेज में सांइस ब्लाक का शिलान्यास करने के उपरांत उन्होंने किसानों को अपने बेटे-बेटियों को उच्च शिक्षित बनाने को प्रोत्साहित किया था। भाषण के दौरान बीकेडी के नेताओं ने पार्टी के समर्थन में कुछ कहने का आग्रह किया, लेकिन चौधरी साहब ने शिक्षा के मंच पर राजनीति की बात करने से इन्कार कर दिया। 23 मार्च, 1981 को पूर्व प्रधानमंत्री कालेज में पुन: पधारे और प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया। सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य महावीर सिंह राठी बताते हैं कि उन्हें कोई उसूलों से डिगा नहीं सका। डिग्री कालेज मान्यता की अधूरी पत्रावली के चलते उन्होंने स्पष्ट कहा था कि पहले मानक पूरे करो, तभी शिलान्यास करूंगा। वैदिक संस्कार चेतना अभियान के संयोजक आचार्य गुरुदत्त आर्य कहते हैं, चौधरी साहब अपने पुरुषार्थ और सदाचरण से विराट व्यक्तित्व बने। भोपा की जन सभा में उन्होंने कहा था कि शिक्षा क्षेत्र में जो सेवा कार्य स्वामी कल्याण देव ने किए, उसे सरकार भी नहीं कर सकती। सार्वजनिक मंचों पर उन्हें राजनीतिक हस्तक्षेप पसंद नहीं था।

गुरुदेव को दी थी शिक्षा ऋषि की उपाधि : ओमानंद

शुकदेव पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज बताते हैं कि वर्ष 1967 में पहली बार चौधरी चरण सिंह ने ही पूज्य स्वामी कल्याणदेव को शिक्षा ऋषि की उपाधि दी थी। चौधरी साहब के लिखे पत्रों में उनकी आपसी आत्मीयता झलकती हैं। वे गांव-गरीबों के हक से जुड़ी वीतराग संत की बातों पर सदैव गौर करते थे। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने गुरुदेव की पहल पर मुजफ्फरनगर में रेलवे लाइन के बराबर में दलित छात्रावास खुलवाया था। जहां दूर-दराज के सैकड़ों विद्यार्थी आवासीय रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। चौधरी साहब ने किसानों, मजदूरों को हक से जीने की राह दिखाई।

कालेज में लगी हैं दोनों की प्रतिमा

जनता इंटर कालेज में किसान मसीहा और शिक्षा ऋषि की प्रतिमाएं लगाई गई हैं। 17 अगस्त, 2018 को तत्कालीन केंद्रीय इस्पात मंत्री वीरेंद्र सिंह ने पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया था। प्रधानाचार्य राकेश कुमार ने बताया कि गत वर्ष वीतराग स्वामी कल्याणदेव की मूर्ति कालेज में स्थापित की गई, जिसका अनावरण पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज ने किया था।


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