सर्वश्रेष्ठ सृजनशील दिव्यांग पुरस्कार के पात्र की खोज बनी चुनौती
विश्व दिव्यांग दिवस पर 10 श्रेणियों में 27 सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग पुरस्कारों की घोषणा में मुजफ्फरनगर के जनकपुरी निवासी बालिका का नाम भी सूची में शामिल हुआ है। शासन से पुरस्कार की घोषणा के साथ बालिका का नाम और उनके घर का पता भी जारी कर दिया है लेकिन स्थानीय स्तर पर संबंधित विभाग को पात्र का पता और जानकारी नहीं मिल पा रही है। लखनऊ से जारी पात्र को खोजने में विभाग जुट गया है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। विश्व दिव्यांग दिवस पर 10 श्रेणियों में 27 सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग पुरस्कारों की घोषणा में मुजफ्फरनगर के जनकपुरी निवासी बालिका का नाम भी सूची में शामिल हुआ है। शासन से पुरस्कार की घोषणा के साथ बालिका का नाम और उनके घर का पता भी जारी कर दिया है, लेकिन स्थानीय स्तर पर संबंधित विभाग को पात्र का पता और जानकारी नहीं मिल पा रही है। लखनऊ से जारी पात्र को खोजने में विभाग जुट गया है। विश्व दिव्यांग दिवस पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में दिव्यांगों के लिए सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग पुरस्कार की घोषणा की है। उस सूची में एक नाम शहर के जनकपुरी निवासी कुमारी ज्योति का भी शामिल है, लेकिन सूची में जिस मकान नंबर के साथ पात्र का नाम जोड़ा गया है वहां तक विभागीय अधिकारी पहुंच नहीं पा रहे हैं। शासन से जारी उक्त मकान नंबर और दिव्यांग पात्र तो सही है, लेकिन वहां दिव्यांग ज्योति नाम की बालिका नहीं, बल्कि अन्य नाम की दिव्यांग बालिका रहती है, जो बचपन से ही दिव्यांग होने के साथ बोल तक नहीं पाती है। अब विभागीय अधिकारी यह जानकारी जुटाने में लग गए हैं कि सर्वश्रेष्ठ सृजनशील दिव्यांग पुरस्कार के लिए उक्त बालिका का पंजीकरण किस स्तर से हुआ है। यदि पंजीकरण किया गया है तो नाम गलत कैसे भेजा गया है। वहीं विभागीय अधिकारी पूरे मामले जांच और पात्र का पता और नाम की पुष्टि करने में भी लगे हैं। उधर कुमारी ज्योति के नाम के साथ जिस घर का पता जोड़ा गया है। वहां रहने वाले दिव्यांग के पिता अपनी बेटी के लिए किसी भी प्रकार के आवेदन से मना कर रहे हैं, जो विभागीय अफसरों और दिव्यांग पुरस्कार के लिए पात्रों का सर्वे कर नाम लखनऊ भेजने वाले कर्मचारियों को संदेह के घेरे में डाल रही है।
इन्होंने कहा..
सर्वश्रेष्ठ सृजनशील दिव्यांग पुरस्कार के लिए भेज गए पात्रों के आवेदन हमारी जानकारी में नहीं है। पात्र की सही जानकारी अभी हमे नहीं मिल पा रही है। पात्र का सही नाम और पता मिलान कर खोजा जा रहा है।
- शिवेंद्र कुमार, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी