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भाकियू का दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम, दिल्ली कूच किया

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग-50 पर चक्का जाम लगाया। यहां नावला कोठी पर धरना देकर केंद्र सरकार और कृषि विधेयक के विरोध में नारेबाजी की गई। सड़क के बीच में ही कार्यकर्ता दरी डालकर बैठ गए। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग की रफ्तार थम गई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की आवाज दबाना चाहती है। उसकी फसल खेती को पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है। इससे आक्रोशित भाकियू ने जाम के बाद दिल्ली के लिए कूच किया। भंगेला गांव में कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्की झड़प होने के साथ धक्की-मुक्की हुई। कार्यकर्ताओं का रैला बैरिकेडिग तोड़कर आगे बढ़ गया। इस दौरान लगभग छह घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग भाकियू के कब्जे में रहा जबकि यातयात भी प्रभावित हो गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 11:55 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 11:55 PM (IST)
भाकियू का दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम, दिल्ली कूच किया
भाकियू का दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम, दिल्ली कूच किया

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग-50 पर चक्का जाम लगाया। यहां नावला कोठी पर धरना देकर केंद्र सरकार और कृषि विधेयक के विरोध में नारेबाजी की गई। सड़क के बीच में ही कार्यकर्ता दरी डालकर बैठ गए। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग की रफ्तार थम गई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की आवाज दबाना चाहती है। उसकी फसल, खेती को पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है। इससे आक्रोशित भाकियू ने जाम के बाद दिल्ली के लिए कूच किया। भंगेला गांव में कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्की झड़प होने के साथ धक्की-मुक्की हुई। कार्यकर्ताओं का रैला बैरिकेडिग तोड़कर आगे बढ़ गया। इस दौरान लगभग छह घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग भाकियू के कब्जे में रहा, जबकि यातयात भी प्रभावित हो गया।

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भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत, जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान के नेतृत्व में भाकियू कार्यकर्ताओं ने सुबह 11 बजे दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर चक्का किया। नावला कोठी के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच में ट्रैक्टर-ट्रालियां और वाहन खड़े कर दिए। सड़क पर ही कार्यकर्ता दरी बिछाकर धरने पर बैठ गए। यहां कार्यकर्ताओं को संबोधित कर प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि विधेयक से किसानों का उत्पीड़न बढ़ेगा। यह किसान हित में नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार मनमाने रवैये पर अड़ी है। अब किसान आर-पार की लड़ाई लड़ेगा। सरकार से मांग नहीं, अपना हक लिया जाएगा। यह देशभर के किसानों की सामूहिक मांग है, जिसे सरकर को मानना होगा। साथ ही कहा कि किसानों पर अत्याचार करने वाली हरियाणा सरकार को बर्खास्त किया जाए। जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान ने कहा कि दिल्ली में आश्रु गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। पंजाब, हरियाणा और उप्र सरकार बंदी बनाए गए किसानों को तत्काल रिहा करें। किसान सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा। दोपहर दो बजे के बाद दिल्ली कूच की घोषणा की गई। इसके बाद कार्यकर्ताओं का रैला ट्रैक्टर-ट्रालियों पर सवार होकर दिल्ली की तरफ चल पड़ा। कार्यकर्ता कस्बे के भीतर से होकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंचे। यहां भंगेला पुलिस चौकी पर एडीएम प्रशासन, एसटी सिटी सतपाल अंतिल और आरएएफ तैनात रही। पुलिसकर्मियों ने बैरिकेडिग लगाकर कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया। इससे वह बिफर पड़े। एसपी सिटी और प्रवक्ता राकेश टिकैत के बीच वार्ता हुई, लेकिन विफल रही। गुस्साए कार्यकर्ता बैरिकेडिग तोड़कर आगे दिल्ली की ओर बढ़ गए। भीड़ देखकर पुलिस को भी बैकफुट पर पहुंचना पड़ा। इस दौरान करीब छह घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग भाकियू के कब्जे में रहने से व्यवस्था लड़खड़ा गई।


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