भाकियू तोमर ने दिया धरना, प्रशासन ने दिखाई सख्ती
भारतीय किसान यूनियन तोमर ने किसानों की अनेक मांगों को लेकर कलक्ट्रेट में धरना दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने माइक से नारेबाजी। इस पर प्रशासन ने मामले में सख्ती दिखाकर किसानों के ट्रैक्टर-ट्रालियों को परिसर के बाहर कर दिया। इससे किसानों कार्यकर्ताओं में रोष बन गया। मामले पर घंटों तक गहमा-गहमी बनी रही। बाद में प्रशासन ने कार्यकर्ताओं से ज्ञापन लेकर वापस लौटा दिया है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। भारतीय किसान यूनियन तोमर ने किसानों की अनेक मांगों को लेकर कलक्ट्रेट में धरना दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने माइक से नारेबाजी। इस पर प्रशासन ने मामले में सख्ती दिखाकर किसानों के ट्रैक्टर-ट्रालियों को परिसर के बाहर कर दिया। इससे किसानों, कार्यकर्ताओं में रोष बन गया। मामले पर घंटों तक गहमा-गहमी बनी रही। बाद में प्रशासन ने कार्यकर्ताओं से ज्ञापन लेकर वापस लौटा दिया है।
गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन तोमर के कार्यकर्ता ट्रैक्टर-ट्रालियों पर सवार होकर कलक्ट्रेट पहुंचे। इनके साथ किसान भी थे। कार्यकर्ता हाथों में माइक लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। कार्यकर्ताओं ने कहा कि गन्ने का भाव 450 रुपये प्रतिकुंतल मिलना चाहिए। गन्ना भुगतान भी मिलें देरी से कर रही है। इसको लेकर किसान परेशान है। जिलेभर में चकबंदी की कार्रवाई हो रही है, जिसमें किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। बिजली की दरें भी महंगी हो गई है, जिस कारण उद्योगों के साथ किसानों पर भी बोझ बढ़ गया है। इन मांगों को लेकर धरना दे ही रहे थे, कि यहां प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। कलक्ट्रेट परिसर में खड़े ट्रैक्टर-ट्रालियों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट अतुल कुमार ने कार्यकर्ताओं को समझाया और इन्हें बाहर खड़ा किए जाने की चेतावनी दी। इसके बाद सिविल लाइन पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने ट्रैक्टरों को कलक्ट्रेट परिसर से बाहर किया। माइक व लाउडस्पीकर को भी हटवाया गया। सिटी मजिस्ट्रेट ने किसानों को धारा-144 का हवाला देकर धरना समाप्त किए जाने को कहा, हालांकि इस मामले को लेकर कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया। प्रशासन की सख्ती के बाद वह ज्ञापन देकर लौट गए।