भीम आर्मी का भारत बंद बेअसर, पुलिस रही मुस्तैद
सीएए एनआरसी आरक्षण और कानपुर में दलित बस्ती में हुए हमले के विरोध में भीम आर्मी की ओर से भारत बंद का आह्वान किया गया था लेकिन जनपद में इसका असर दिखाई नहीं दिया।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। सीएए, एनआरसी, आरक्षण और कानपुर में दलित बस्ती में हुए हमले के विरोध में भीम आर्मी की ओर से भारत बंद का आह्वान किया गया था, लेकिन जनपद में इसका असर दिखाई नहीं दिया। बाजार रूटीन की तरह खुले और बंद हुए। रविवार के चलते बाजारों में रौनक जरूर कम रही। वहीं पुलिस अलर्ट मोड पर रही। भीम आर्मी के पदाधिकारियों को तलाशती रही। भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने सिटी मजिस्ट्रेट को अहिल्याबाई चौक पर ज्ञापन दिया।
भारत बंद को लेकर व्यापारी समेत आम नागरिकों में कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दिखी। अलबत्ता पुलिस-प्रशासन सतर्क रहा। भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष टीकम बोध और शहीद उधम सिंह सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास मेडियान के आवास पर पुलिस ने शनिवार रात दबिश दी, लेकिन दोनों ही अपने आवास पर नहीं मिले। इनके साथ ही अन्य पदाधिकारियों को पुलिस रविवार को भी तलाशती रही। शहर के चौराहों पर दिनभर पुलिस बल रहा। दो अप्रैल वर्ष 2018 में आरक्षण को लेकर जिन स्थानों पर हिसा हुई थी वहां अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहा। इसके चलते नई मंडी थाना क्षेत्र के समीप बैंक और विभिन्न प्रतिष्ठानों पर पुलिसकर्मी तैनात रहे। मीनाक्षी चौक, शिवचौक, महावीर चौक, प्रकाश चौक, कच्ची सड़क, सरवट आदि स्थानों पर पुलिस का कड़ा पहरा रहा। अधिकारियों की गाड़ियां भी इन क्षेत्रों में घूमती रहीं। चौराहों पर प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। वहीं भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने अहिल्याबाई चौक पर सिटी मजिस्ट्रेट अतुल कुमार को ज्ञापन दिया। कार्यकर्ताओं ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध किया। कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के आरक्षण के साथ ही भारतीय संविधान से छेड़छाड़ करने का प्रयास किया, जो गलत है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जता रहे हैं। वहीं एसडी मार्केट, भगत सिंह रोड, नई मंडी, गांधी कालोनी, टाउन हाल रोड बाजार खुले रहे। रविवार के चलते कुछ दुकानें रूटीन में बंद रहीं। सिटी मजिस्ट्रेट अतुल कुमार ने बताया कि कहीं पर किसी प्रकार का विरोध प्रदर्शन या दुकान बंद करने का मामला सामने नहीं आया।