छपार-रोहाना टोल प्लाजा पर भाकियू का धरना जारी
कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की लड़ाई जारी है। छपार व रोहाना टोल प्लाजा पर भाकियू का धरना 17वें दिन भी जारी रहा। छपार टोल प्लाजा पर भाकियू कार्यकर्ता डटे हुए हैं।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की लड़ाई जारी है। छपार व रोहाना टोल प्लाजा पर भाकियू का धरना 17वें दिन भी जारी रहा। छपार टोल प्लाजा पर भाकियू कार्यकर्ता डटे हुए हैं।
नेशनल हाईवे-58 पर स्थित छपार टोल प्लाजा पर शुक्रवार को भी भाकियू का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। भाकियू कार्यकर्ता दिन-रात धरना पर डटे हुए हैं। भाकियू के पुरकाजी ब्लाक अध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने कहा कि केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार किसान विरोधी है। कृषि कानूनों के विरोध में देशभर का किसान छ माह से सड़कों पर उतरकर आंदोलन कर रहा है। जिसमें 400 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है, परंतु फिर भी सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है, जिससे किसानों में सरकार के प्रति रोष है। सरकार प्रतिवर्ष सभी जनपदों में चिकित्सा प्रकोष्ठ के लिए करोड़ों का बजट भेजती है। परंतु फिर भी जिला अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों को अच्छी तरह से उपचार नही किया जाता है। दवाइयों का वितरण नही होता है, बल्कि मरीजों को बाहर से दवाइयां खरीदने के लिए बाध्य किया जाता है। मेडिकल स्टोरों पर भी दोगुना मंहगी दवाइयां बेची जा रही है। कहा कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को उपचार के एम्बुलेंस के द्वारा जिला अस्पताल भेजा जाता है। गम्भीर रुप से घायल व्यक्ति को शुरुआत के कुछ घंटों में उपचार की बेहद आवश्यकता होती है, परंतु जिला अस्पताल में घायल का उपचार कराने के बजाय उसे मेरठ रेफर कर दिया जाता है। मेरठ ले जाते समय रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो जाती है। उन्होंने जिला अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जिला अस्पताल के रिकार्डो की जांच होनी चाहिए, कि कितने मरीजों का उपचार होकर ठीक हुए और कितने रेफर कर दिए है। जिला अस्पताल में मरीजों के साथ घोर अन्याय किया जा रहा है। चिकित्सकों व अधिकारियों में सांठगांठ है। बिना पैसे दिए कोई कार्य नही होता है। तिमारदारों के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है। 20 वर्षो से जमें चिकित्सक मठाधीश बने हुए हैं। बरला व छपार सहित सभी अस्पतालों में उपचार के लिए बैड की कोई व्यवस्था नहीं है। प्राइवेट अस्पतालों में लूट मची हुई है। वहां पर उपचार के लिए लाखों रुपए वसूले जाते है। रुपये न देने तक शव को नही देते है। किसान व मजदूर उपचार के लिए जाए तो कहां जाए। उन्होंने डीएम सेल्वा कुमारी जे. से चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने की मांग की है। अन्यथा भाकियू चिकित्सकों को सबक सिखाने का कार्य करेंगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामपाल सिंह व संचालन ओमपाल मास्टर ने किया। शहजाद त्यागी, कयूम अंसारी, इकबाल प्रधान, ललित त्यागी, साजिद त्यागी, अमित त्यागी, रामकुमार त्यागी, मंगता हसन, मुसर्रफ त्यागी, राशिद त्यागी आदि मौजूद रहे।