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कृषि कानूनों के विरोध में भाकियू ने दिया धरना

पिछले वर्ष लाकडाउन के दौरान पारित किए गए कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) कार्यकर्ताओं ने खतौली तहसील में धरना देकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह कानून किसानों के हित में नहीं है जिसके विरोध में किसान आंदोलनरत है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Jun 2021 11:42 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jun 2021 11:42 PM (IST)
कृषि कानूनों के विरोध में भाकियू ने दिया धरना
कृषि कानूनों के विरोध में भाकियू ने दिया धरना

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। पिछले वर्ष लाकडाउन के दौरान पारित किए गए कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) कार्यकर्ताओं ने खतौली तहसील में धरना देकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह कानून किसानों के हित में नहीं है, जिसके विरोध में किसान आंदोलनरत है।

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भाकियू कार्यकर्ता शनिवार को खतौली तहसील पहुंचे। यहां अधिकारी के नहीं मिलने पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि किसानों की राय लिए बिना कृषि कानूनों को पारित किया गया। यह कानून किसानों के हित में नहीं है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर केंद्र सरकार कोई जवाब नहीं दे रही है। कोरोना में लगे लाकडाउन की आड़ में सरकार ने देश की जनता पर तीन कानून थोपे हैं, जिसका किसानों व आम नागरिकों ने खुलकर विरोध किया। किसान दिल्ली की सीमाओं पर 6 महीने से आंदोलनरत हैं। केंद्र सरकार पूंजीपतियों के पक्ष में किसानों व मजदूरों के शोषण करने की नीतियां बना रही है। किसान यह तीनों कानून वापस कराकर ही दम लेगा। इस दौरान एसडीएम इंद्राकांत द्विवेदी को ज्ञापन सौंपकर न्याय मांगा गया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि जल्द ही कृषि कानूनों की प्रतियां फूंक कर विरोध जताएंगे। इस दौरान विदेश मोतला, राकेश चौधरी, रोशन पंडित व नीरज पहलवान आदि मौजूद रहे।

किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में जलाई प्रतियां

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। बुढ़ाना में केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने तहसील परिसर पहुंचकर प्रदर्शन किया। भाकियू तहसील अध्यक्ष अनुज बालियान के नेतृत्व में किसानों ने कृषि कानून बिल की प्रतियां जलाकर विरोध जताया। अनुज बालियान ने कहा कि केंद्र सरकार के किसान विरोधी कानूनों के विरुद्ध लड़ाई लड़ते हुए किसानों को एक साल हो गया है। जब तक यह किसान विरोधी कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक किसान पीछे हटने वाला नहीं है। केंद्र सरकार तानाशाही रवैया दिखाते हुए किसानों की मांग को अनसुना कर रही है। प्रदर्शन के दौरान भाकियू कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान भाकियू ब्लाक अध्यक्ष संजीव पंवार, बाबा धीर सिंह, गौरव, प्रवीण, सत्यप्रकाश व तैमूर आदि मौजूद रहे।

भाकियू ने विरोध कर ज्ञापन सौंपा

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। जानसठ में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन करते हुए एसडीएम को ज्ञापन दिया। भाकियू कार्यकर्ता पहले तहसील परिसर में एकत्र हुए उसके बाद उन्होंने सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। बाद में कृषि कानून की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। एसडीएम को केंद्र सरकार के कृषि कानून वापस लेने के लिए ज्ञापन दिया, जिसमें इस कानून के वापसी तक विरोध जारी रखने का ऐलान किया गया। हालांकि पहले की तरह भाकियू कार्यकर्ताओं व समर्थकों की उपस्थिति बहुत कम रही, जिससे भाकियू कार्यकर्ता फोन पर लोगों को तहसील परिसर में आने के लिए कहते दिखाई दिए, लेकिन चंद लोग ही उपस्थित हो सके।


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