कादिर, सईदुज्जमां सहित 10 के गिरफ्तारी वारंट
मुजफ्फरनगर : 2013 में दंगे से पहले निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर खालापार के शहीद चौक पर एकत्र
मुजफ्फरनगर : 2013 में दंगे से पहले निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर खालापार के शहीद चौक पर एकत्र होकर सभा करने के मामले में एडीएम प्रशासन की ओर से दायर कंप्लेंट केस में सुनवाई के दौरान पेश न होने पर न्यायालय ने पूर्व सांसद कादिर राना, सईदुज्जमां व पूर्व विधायकों सहित 10 आरोपितों के एनबीडब्लू जारी किए हैं।
वर्ष 2013 में सितंबर माह के दौरान जनपद में सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा था। इससे पूर्व शहर कोतवाली क्षेत्र के शहीद चौक पर एक सभा का आयोजन 30 अगस्त को किया गया था। इस मामले में शहर कोतवाली पुलिस ने भड़काऊ भाषण देने के आरोप सहित विभिन्न संगीन धाराओं में पूर्व गृह राज्यमंत्री व पूर्व सांसद सईदुज्जमां, पूर्व सांसद व बसपा नेता कादिर राना, पूर्व विधायक नूर सलीम राना, पूर्व विधायक मौलाना जमील अहमद कासमी, असद जमां, सुल्तान मुशीर, नौशाद कुरैशी व अहसान कुरैशी आदि सहित 10 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी दौरान तत्कालीन एडीएम प्रशासन डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने उक्त सभी 10 आरोपितों के विरुद्ध निषेधाज्ञा उल्लंघन के आरोप में धारा-188 के तहत सीजेएम न्यायालय में परिवाद दाखिल कर आरोप लगाया था कि आरोपित धारा-144 का उल्लंघन करते हुए शहीद चौक पर एकत्र हुए और उन्होंने वहां भाषण दिया। सीजेएम ने परिवाद स्वीकृत करते हुए इस मामले में सुनवाई प्रारंभ की थी, लेकिन पेश न होने पर न्यायालय ने 17 सितंबर 2018 को कादिर राना, सईदुज्जमां आदि सहित सभी 10 आरोपितों के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए। इस मामले में न्यायालय ने सुनवाई की अगली तारीख 18 दिसंबर नियत की है। भड़काऊ भाषण में सुनवाई आठ जनवरी को
30 अगस्त को शहीद चौक पर हुई सभा में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में दर्ज मुकदमे की फाइल जनपद से प्रयागराज स्थित एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय में स्थानांतरित हो गई थी। इस मामले में प्रयागराज स्थित न्यायालय में सुनवाई की अगली तारीख अब आठ जनवरी लगी है। हालांकि जांच में पुलिस ने पूर्व विधायक नूर सलीम उर्फ पप्पू राना को भड़काऊ भाषण देने का दोषी नहीं माना था। इनका कहना है..
संबंधित मामले की फाइल यदि प्रयागराज स्थित एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय स्थानांतरित नहीं हुई है तो आरोपित अपनी जमानत अर्जी स्थानीय न्यायालय में भी लगा सकते हैं। यदि फाइल प्रयागराज स्थानांतरित हो गई है तो इस मामले में आगे की कार्रवाई उक्त न्यायालय में ही होगी।
- नकली ¨सह त्यागी, अधिवक्ता