पाकिस्तान में 30 किलोमीटर भीतर घुस गए थे जांबाज
रात में गाड़ियों की लाइट बंद कर बोला था धावा। वायुसेना ने ढाका के पास नष्ट की थी हवाई पट्टी।
पुरकाजी (प्रदीप कौशिक) : भारत-पाकिस्तान के बीच पनप रहे तनाव ने पुरानी यादें ताजा कर दी हैं। पाकिस्तान से जंग लड़ने वाले एक जांबाज ने कुछ अनुभव साझा किए हैं। उनका कहना है कि 1971 की लड़ाई के दौरान रात में गाड़ियों की लाइट बंद कर जवान पाकिस्तान में 30 किलोमीटर अंदर तक घुस गए थे। उनकी सेना के कैंप तबाह किए थे। वायुसेना ने उस समय भी ढाका के पास की हवाई पट्टियां खत्म कर पाक सेना की आधी ताकत खत्म कर दी थी।
फलौदा निवासी रिटायर्ड हवलदार राजकुमार (72) पुत्र रामजीदास किसान परिवार से हैं। आज भी पाकिस्तान से युद्ध लड़ने का जज्बा दिल में लिए हैं। बताया कि 22 जुलाई 1964 को मुजफ्फरनगर के सोल्जर बोर्ड से सेना में भर्ती हुए थे। वर्ष 1965 में पाकिस्तान से हुए युद्ध के दौरान वह पंजाब के सेक्टर खेमकरण में तैनात थे। 1971 के युद्ध में पश्चिम बंगाल के जैसोर में ड्यूटी थी, जो अब बांग्लादेश में है। उस समय भी सेना ने बड़ी बहादुरी का प्रदर्शन किया था। पाकिस्तान की जीवन नगर चौकी पर जबरदस्त टकराव हुआ था। हमारी सेना बिना लाइट जलाए रात के अंधेरे में गाड़ियां लेकर पाकिस्तान के भीतर घुस गई थी। सेना ने दुश्मनों के कई कैंप तबाह कर दिए थे। हिदुस्तान की सेना ने चौकी पर कब्जा किया था। बांग्लादेश के बंटवारे के साथ भारत ने इस युद्ध में जीत हासिल की थी। कई दिनों तक चली इस जंग में खिचड़ी खाकर हमने दुश्मनों को मार भगाया था। बांग्लादेश में भारतीय सेना का सम्मान हुआ था। 'जय बांग्ला' 'जय सेना' के नारे लगाए गए थे। रिटायर्ड फौजी की इच्छा है कि भारतीय सेना लाहौर और इस्लामाबाद पर हमला करे।
--------
पहले से ही दरिदगी
करती है पाक सेना
भूतपूर्व सैनिक राजकुमार ने बताया कि पाकिस्तानी सेना बांग्लादेश के नागरिकों पर अत्याचार करती थी। बंकर बनवाने के नाम पर वहां के लोगों से मजदूरी कराई जाती थी। इन्कार करने वाले मजदूरों के शरीर सिगरेट से दागे जाते थे। भारतीय सेना के पहुंचते ही पाकिस्तानी जवान भाग गए थे। बांग्लादेशी भारतीय सेना के लिए खाना लिए खड़े थे। सरकार और अफसरों के आदेश थे कि किसी के भी हाथ का कुछ नहीं खाना। दुश्मन देश हरकत कर सकता है। जैसोर में पाकिस्तानी सेना के जवानों ने महिलाओं पर भी अत्याचार किए थे।