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लॉकडाउन की मार झेल रहे बेजुबान

जानसठ क्षेत्र में लॉकडाउन का असर जहां एक ओर आम आदमी पर हुआ है वहीं दूसरी ओर बेजुबान जानवर भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। आमतौर पर सड़कों पर रहने वाले जानवरों के लिए खाने का संकट पैदा हो रहा है। वह खाने के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 10:38 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 06:04 AM (IST)
लॉकडाउन की मार झेल रहे बेजुबान
लॉकडाउन की मार झेल रहे बेजुबान

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। जानसठ क्षेत्र में लॉकडाउन का असर जहां एक ओर आम आदमी पर हुआ है, वहीं दूसरी ओर बेजुबान जानवर भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। आमतौर पर सड़कों पर रहने वाले जानवरों के लिए खाने का संकट पैदा हो रहा है। वह खाने के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर हो रहे हैं।

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कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए चल रहे लॉकडाउन के कारण आम आदमी घरों में रहने को मजबूर हो रहा है। इसके कारण बेजुबान जानवरों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। सड़कों पर लोगों का आवागमन बंद होने के कारण सड़क किनारे रहने वाले जानवरों को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है उन्हें अपने खाने के लिए सड़कों पर भटकना पड़ रहा है। गंगनहर की पटरी पर रहने वाले बंदरों को भी इस समस्या से रूबरू होना पड़ रहा है। मार्ग पूरी तरह से बंद होने के कारण उनके लिए खाने का इंतजाम नहीं हो पा रहा है। जब मार्ग चलता था तो कोई न कोई इनके लिए चने, केले या फिर अन्य खाने का सामान लेकर आता था जिससे उनकी भूख मिट जाती थी। लोगों का आवागमन बंद हुआ तो इनके लिए भी संकट काल शुरू हो गया। इक्का-दुक्का लोग यदि वाहन से इस मार्ग से गुजरता है तो बंदर वाहन को देखते ही उसकी ओर इस आस से चल देते हैं कि शायद कुछ खाने को मिल जाए। वाहन के गुजरते ही वह बेबस होकर सड़क के किनारे बैठकर दूसरे वाहन का इंतजार करने लगते हैं। इस तरह से इन बेजुबान जानवरों पर भी कोरोना महामारी का असर देखने को मिल रहा है।


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