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थानेश्वर मंदिर में खोदाई में निकला प्राचीन शिवलिग

खतौली कस्बे के बुढ़ाना मार्ग पर प्राचीन थानेश्वर महादेवालय है। महादेवालय का इतिहास पांच सदी पुराना है। इसका निर्माण मराठा काला का माना जाता है। यहां छत्रपति शिवाजी ने शिव आराधना की थी। महादेवालय में चौमुखी शिवलिग खंडित हो गया था। नया शिवलिग स्थापित करने के लिए खोदाई कराई जा रही थी। खोदाई के समय प्राचीन शिवलिग दिखाई दिया जिसमें स्वत जलधारा निकल रही थी। श्रद्धालु पौराणिक शिवलिग के दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े। शिवलिग कौतूहल का केंद्र बना रहा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 11:52 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 11:52 PM (IST)
थानेश्वर मंदिर में खोदाई में निकला प्राचीन शिवलिग
थानेश्वर मंदिर में खोदाई में निकला प्राचीन शिवलिग

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। खतौली कस्बे के बुढ़ाना मार्ग पर प्राचीन थानेश्वर महादेवालय है। महादेवालय का इतिहास पांच सदी पुराना है। इसका निर्माण मराठा काला का माना जाता है। यहां छत्रपति शिवाजी ने शिव आराधना की थी। महादेवालय में चौमुखी शिवलिग खंडित हो गया था। नया शिवलिग स्थापित करने के लिए खोदाई कराई जा रही थी। खोदाई के समय प्राचीन शिवलिग दिखाई दिया, जिसमें स्वत: जलधारा निकल रही थी। श्रद्धालु पौराणिक शिवलिग के दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े। शिवलिग कौतूहल का केंद्र बना रहा।

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क्षेत्र में संचालित संस्कृत विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य कृष्णगोपाल शर्मा व प्रधानाचार्य मगनानंद चमोला ने बताया कि विद्यालय और मंदिर से जुड़े लोगों का कहना है कि इस स्वयंभू शिवलिग से कई चमत्कार जुड़े हैं और वे लोग कई चमत्कारों का जिक्र भी करते हैं। भगवान भोलेनाथ साक्षात रूप से यहां प्रतिष्ठित हैं। पौराणिक शिवलिग के ऊपर नये शिविलंग की प्रतिष्ठा की गई है। मंदिर में तीन दिवसीय हवन-पूजन और प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित हुआ। आचार्य अनिरुद्ध, विजय भारद्वाज व आयुष शर्मा ने हवन-पूजन और शिवलिग की प्रतिष्ठा कराई।

गंग नहर में दिन-रात हो रहा रेत खनन

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। पुरकाजी में गंग नहर का पानी उतरते ही खनन माफिया सक्रिय हो गए हैं। दिन-रात नहर से रेत निकालकर जंगल में इकट्ठा किया जा रहा है। रेत निकलने के लिए ट्रैक्टर व मशीनों की सहायता ली जा रही है।

गंग नहर को हर वर्ष सफ़ाई के लिए दशहरे पर बंद कर दिया जाता है। इस दौरान नहर की सफ़ाई की जाती है। इसी माह विजयदशमी के दिन नहर का पानी उतार दिया गया था, लेकिन क़रीब दो-तीन फुट पानी अभी भी चल रहा है। चलते पानी में से भी रेत निकालने को लेकर माफिया सक्रिय हो गए हैं। पुलिस की मिलीभगत से दिन-रात गंग नहर से बुग्गियों व ट्रैक्टर-ट्रालियों से रेत निकाला जा रहा है। दीपावली के आसपास नहर में पानी आएगा तब तक माफि़या जंगलों में लाखों रुपये की रेत इकट्ठा करने की जुगत में लगे है। माफिया रेत निकालकर घरों के अलावा जंगल में खेतों के बीच इकट्ठा कर रहे हैं। इनका कहना है..

गंग नहर पर पहले से ही पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है गश्त और बढ़ाई जाएगी। किसी भी सूरत में खनन नहीं होने दिया जाएगा।

-विनोद कुमार सिंह, प्रभारी निरीक्षक, पुरकाजी


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