वेटलिफ्टिग में छाए मेरठ, आगरा व वाराणसी के खिलाड़ी
65वीं वेटलिफ्टिग प्रतियोगिता में प्रदेशभर के खिलाड़ियों ने प्रतिभा दिखाई। तीन दिवसीय प्रतियोगिता का शुभारंभ सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ। पहले दिन मेरठ आगरा वाराणसी अलीगढ़ के खिलाड़ियों ने विभिन्न इवेंट में पदक हासिल किए। 19 नवंबर को प्रतियोगिता का समापन होगा।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। 65वीं वेटलिफ्टिग प्रतियोगिता में प्रदेशभर के खिलाड़ियों ने प्रतिभा दिखाई। तीन दिवसीय प्रतियोगिता का शुभारंभ सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ। पहले दिन मेरठ, आगरा, वाराणसी, अलीगढ़ के खिलाड़ियों ने विभिन्न इवेंट में पदक हासिल किए। 19 नवंबर को प्रतियोगिता का समापन होगा।
डीएवी इंटर कॉलेज में प्रतियोगिता का शुभारंभ व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल और डीआईओएस गजेंद्र कुमार ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ खेलों का विशेष महत्व है। खेलों में युवा अपने जनपद, समाज और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। खेलों से शारीरिक रूप से भी फिट रहते हैं। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक छात्रों को खेलों में प्रतिभाग करना चाहिए। खेल भावना से प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना चाहिए। डीआईओएस ने कहा कि हार-जीत से ज्यादा अहम हैं प्रतियोगिता में हिस्सा लेना। खिलाड़ियों से हार से सीख लेकर जीत के लिए निरंतर प्रयास करने चाहिए। यदि हारने पर प्रयास करने छोड़ दिए तो जीत संभव ही नहीं है। छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में शानदार प्रस्तुति दी। देशभक्ति, राजस्थानी, हरियाणवी, पंजाबी और फिल्मी गीतों पर नृत्य किया। पहले दिन अंडर 17 बालिका वर्ग में मेरठ की ज्योति यादव ने पहला, लखनऊ की खुशबू ने दूसरा और सहारनपुर मंडल की सुजाता देवी ने तीसरा स्थान हासिल किया। अंडर-19 बालिका वर्ग में आगरा की कीर्ति, मेरठ की माही खां और वाराणसी की गीतांजलि ने पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। अंडर-17 बालिका वर्ग में अलीगढ़ के तरुण ने प्रथम, वाराणसी के युवराज यादव ने द्वितीय और आगरा के सचिन कुमार ने तृतीय स्थान हासिल किया। इसी क्रम में अंडर-19 बालिक वर्ग में सहारनपुर मंडल के विपुल राठी ने प्रथम, कानपुर के ऋषभ सिंह ने द्वितीय और अलीगढ़ के अनिल कुमार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। डीएवी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य शिव कुमार यादव ने बताया कि प्रतियोगिता का समापन 19 नवंबर को होगा। इस दौरान खेल शिक्षकों का विशेष योगदान रहा।