डाउन लाइन पर अत्याधुनिक मशीन से बदले 600 स्लीपर
खतौली से मुजफ्फरनगर के बीच डाउन लाइन पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने को मंगलवार देर रात साढ़े तीन घंटे का ब्लॉक लेकर मेन लाइन पर अत्याधुनिक मशीन से 52 कि.ग्रा. को हटाकर 60 कि.ग्रा. रेलवे लाइन के स्लीपर बिछाए गए। इस कार्य में बड़ी संख्या में रेलवे कर्मचारी जुटे रहे। उधर बुधवार दोपहर डेढ़ घंटे का ब्लाक लेकर स्टेशन के यार्ड में रेलवे लाइन को वेल्ड किया गया।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। खतौली से मुजफ्फरनगर के बीच डाउन लाइन पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने का काम चला। मंगलवार देर रात साढ़े तीन घंटे का ब्लॉक लेकर मेन लाइन पर अत्याधुनिक मशीन से 52 कि.ग्रा. को हटाकर 60 कि.ग्रा. रेलवे लाइन के स्लीपर बिछाए गए। इस कार्य में बड़ी संख्या में कर्मचारी जुटे रहे। उधर, बुधवार दोपहर डेढ़ घंटे का ब्लाक लेकर स्टेशन के यार्ड में लाइन को वेल्ड किया गया। इस दौरान छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस आधा घंटा लेट हुई।
खतौली से मुजफ्फरनगर तक डाउन लाइन पर 52 किग्रा रेलवे ट्रैक के स्लीपर बिछे थे। उक्त ट्रैक पर अधिकतम 110 कि.मी. प्रति घंटे की स्पीड पर ट्रेनों का संचालन हो सकता है। अब रेलवे ने उक्त ट्रैक पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए 60 कि.ग्रा. प्रति मीटर वजन वाली हाईस्पीड रेलवे ट्रैक के लिए स्लीपर बदलने की कवायद शुरू की। मंगलवार रात साढ़े दस बजे से डेढ़ बजे तक डाउन लाइन पर ब्लॉक लिया गया। इस दौरान रेलवे के गंगनहर पुल के पास से बुआड़ा फाटक के पास तक ट्रैक रिनीवल सिस्टम मशीन द्वारा रेलवे ट्रैक को उठाकर उसके नीचे लगे स्लीपर को हटाकर नए स्लीपर बदले गए। इस मशीन ने नए स्लीपरों को निर्धारित दूरी पर रखा। इसके ऊपर रेलवे लाइन को भी मशीन से बिछाया गया। इसके बाद मजदूरों ने पेड्रोल क्लिप लगाए। इस दौरान रेलवे लाइन पर जनरेटर के जरिए लाइटिग की गई। उक्त कार्य के चलते जालंधर से छत्तीसगढ़ जाने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस करीब आधा घंटा लेट रही। मशीन से करीब 600 स्लीपर बदले गए। बुधवार दोपहर 11:30 बजे से शाम चार बजे तक डाउन लाइन पर ब्लॉक लेकर स्टेशन के यार्ड में रेलवे लाइन को वेल्ड किया गया। मुजफ्फरनगर की ओर से आने वाली ट्रेनों को लूप लाइन से पास किया गया, जिस कारण ट्रेनों का संचालन प्रभावित नहीं हुआ।