30 गांवों में एनजीटी पेयजल योजना लागू
काली और हिडन नदी के प्रदूषण से 30 गांवों को मुक्ति मिलेगी। इन गांवों को एनजीटी पेयजल योजना के तहत साफ पानी मुहैया होगा। जल निगम ने एनजीटी परियोजना तैयार कर उसका टेंडर छोड़ा है। करीब 35 करोड़ रुपये की लागत से गांवों शुद्ध पेयजल मिलेगा। इसके लिए गांवों में वॉटर टैंक (टंकियों) का निर्माण किया जाएगा।
मुजफ्फरनगर : सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही काली और हिडन नदी का प्रदूषण झेल रहे 30 गांवों को स्वच्छ पेयजल मिलेगा। इन गांवों को एनजीटी पेयजल योजना के तहत साफ पानी मुहैया कराया जाएगा। जल निगम ने एनजीटी परियोजना तैयार कर इसके लिए टेंडर जारी किया है। करीब 35 करोड़ रुपये की लागत से गांवों में शुद्ध पेयजल मिलेगा। इसके लिए गांवों में वाटर टैंक (टंकियों) का निर्माण किया जाएगा।
जनपद में बह रही काली और हिडन नदियों के पानी में टीडीएस, आयरन, फ्लोराइड, लैड, अमोनिया, सल्फाइड, निकेल के साथ सिल्वर की अत्यधिक मात्रा पाई गई थी। इस मसले पर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने अफसरों को कड़ी फटकार लगाई थी। उसके बाद गांवों में हैंडपंप बदलने और री-बोरिग करने के आदेश दिए गए थे। यहां हैंडपंप समस्या का स्थाई समाधान नहीं है। इसको लेकर जल निगम से एनजीटी ने सबसे ज्यादा प्रदूषित गांवों को लेकर योजना बनाने के निर्देश दिए। इस पर जल निगम ने गांवों में हैंडपंप के स्थान पर वाटर सप्लाई टैंक निर्मित करने का ब्लू प्रिट तैयार किया है। करीब 35 करोड़ रुपये से एक-एक गांव टंकियों का निर्माण होगा।
घर-घर पहुंचाया जाएगा शुद्ध पेयजल
गांवों में वाटर टैंक निर्माण कर घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचाया जाएगा। इसके लिए गांवों में पेयजल सप्लाई के लिए लाइन बिछाई जाएगी और कनेक्शन दिए जाएंगे। हालांकि योजना के तहत जिस गांव में लाइन बिछाने को सड़क तोड़ी जाएगी, उसको भी बनाने का कार्य ठेकेदार खुद करेगा। यह गांव हुए एनजीटी योजना में चयनित
एनजीटी पेयजल योजना में अटाली कलां, बड़ौदा, बामनहेड़ी, बावना, बेगराजपुर, भैंसाना, बुढ़ीना कलां, ढिढावली, डूंगर, डूंगरपुर, खड़ौली, हरिया खेड़ी, जीवना, खेड़ी तगान, किनौनी, कुटबा, लच्छेड़ा, मिमलाना, नगवा, सरनावली, उकावली, बहादुर गांव चुने गए हैं। इन्होंने कहा..
एनजीटी पेयजल योजना के लिए जुलाई माह में टेंडर छोड़े जा चुके हैं। टेंडर खोलने के बाद ठेकेदार कार्य शुरु करेंगे। योजना में तीस गांवों में पेयजल के लिए टंकियों का निर्माण कराया जाएगा।
- पीके अग्रवाल, अधिशासी अभियंता, जल निगम।