पेंशन के सहारे कट रही 14578 दिव्यांगों की जिदगी
दिव्यांगों को प्रोत्साहित करने के लिए शासन से अनेक योजनाएं चल रही हैं जिनमें से दिव्यांग सर्वाधिक लाभ पेंशन योजना से प्राप्त कर रहे हैं। प्रतिमाह 72.89 लाख रुपये पेंशन पर खर्च हो रहे हैं। हालांकि अन्य योजनाओं का लाभ लेने में दिव्यांग काफी पीछे हैं।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। दिव्यांगों को प्रोत्साहित करने के लिए शासन से अनेक योजनाएं चल रही हैं, जिनमें से दिव्यांग सर्वाधिक लाभ पेंशन योजना से प्राप्त कर रहे हैं। प्रतिमाह 72.89 लाख रुपये पेंशन पर खर्च हो रहे हैं। हालांकि अन्य योजनाओं का लाभ लेने में दिव्यांग काफी पीछे हैं।
शासन से दिव्यांगों के लिए अनेक योजनाएं संचालित हैं। पेंशन योजना, ट्राइसाइकिल योजना, दुकान निर्माण संचालन योजना और शादी-विवाह पुरस्कार योजना का लाभ जिले में दिव्यांगों ने लिया है। दुकान निर्माण संचालन योजना में दिव्यांग को आनलाइन आवेदन करना होता है। इस योजना में दिव्यागों को 10 से 20 हजार रुपये तक का ऋण मिलता है। यह धनराशि चार प्रतिशत साधारण ब्याज पर मिलती है। इस धनराशि पर 25 प्रतिशत अनुदान भी मिलता है। पिछले वर्ष इस योजना का लाभ 15 दिव्यांगों को मिला था। इस बार इस योजना के लिए अभी तक केवल तीन आवेदन ही आए हैं। शादी-विवाह पुरस्कार योजना की दिव्यांगों में जानकारी का अभाव है। बीते वर्ष इस योजना का लाभ केवल सात दिव्यांगों ने लिया है, जबकि वर-वधू के दिव्यांग होने पर 35 हजार रुपये, वर के दिव्यांग होने पर 15 हजार और वधू दिव्यांग है तो 20 हजार रुपये मिलते हैं। जिले में 14,578 दिव्यांगों को 72.89 लाख रुपये पेंशन प्रति माह मिल रही है। पांच वर्ष पूर्व दिव्यांगों को 300 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाती थी, लेकिन वर्तमान में 500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं। अक्टूबर और नवंबर माह में 49 दिव्यांगों को पेंशन ने लिए आवेदन किया है।
दिव्यांगों के लिए शासन फिक्रमंद हैं। अनेक योजनाएं संचालित हैं, जिनका लाभ दिया जा रहा है। जल्द ही ट्राइसाइकिलों का वितरण किया जाएगा।
- शिवेंद्र कुमार, जिला दिव्यांग जन सशक्तीकरण अधिकारी