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आप भी जानिए इस गांव की खासियत, पांच साल में एक भी मुकदमा नहीं Sambhal News

आज भी पंच बैठकर निपटा देते हैं बड़े से बड़े मामले। आसपास के गांव में भी चर्चा धनारी थाने का सबसे बेहतर गांव।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 01:53 AM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 07:40 AM (IST)
आप भी जानिए इस गांव की खासियत, पांच साल में एक भी मुकदमा नहीं  Sambhal News
आप भी जानिए इस गांव की खासियत, पांच साल में एक भी मुकदमा नहीं Sambhal News

सम्भल (राघवेंद्र शुक्ल)। क्रतिया गांव की खासियत है कि यहां पांच साल में एक एनसीआर तक दर्ज नहीं हुई है। यदि कहीं से कोई मामला आ भी गया तो गांव के पंच उसका निपटारा कर देते हैं। पंचों का फैसला है कि गांव के मामले किसी भी हाल में पुलिस तक न पहुंचें। गांव में समरसता की बात एसपी के कानों में गई तो उन्होंने गांव में चौपाल भी लगा दी।

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गांवों में छोटी-छोटी बातों पर झगड़े होते हैं और थानों तक पहुंच है। वहां या तो समझौता होता है या एफआइआर। क्षेत्र के क्रतिया गांव में समरसता ऐसी है कि समझौता गांव की पंचायत में हो जाता है। पहले सरपंच का जमाना था तो मामला पंच ही निपटाते थे। इस गांव में ऐसी व्यवस्था चलती ही रही। एसपी सम्भल को गांव की इस व्यवस्था ने इतना प्रभावित कर दिया कि उन्होंने गांव को गोद लेने का निर्देश इंस्पेक्टर धनारी को दे दिए। यानी धनारी इंस्पेक्टर इसी तर्ज पर अन्य गांवों में ऐसी व्यवस्था बनाएंगे, जिससे मुकदमे के बोझ से भी निजात मिले और छोटे-छोटे मामलों का निपटारा आपसी भाईचारे से ही निपट जाए।

दीपावली के दिन का झगड़ा, पंचायत में निस्तारित

दीपावली के दिन गांव के अंकित, भूरे, सोनू का विवाद पास का गांव खलीलपुर में हो गया। पैसे के विवाद में मारपीट तक हो गई। मामला मुकदमा तक पहुंच गया। पंचायत बैठ गई। तीनों युवक के साथ ही खलीलपुर के उस युवक को भी बैठाया गया, जिससे विवाद था। दोनों पक्षों को पंचों ने सुना और आपस में गले मिलवा कर मामला खत्म कराया। वर्ष 2015 में जब यहां की प्रधान हरवेश देवी बनीं तो गांव के पूर्व सरपंच मुख्ताली ङ्क्षसह के इस प्रस्ताव को सबने स्वीकारा। नतीजतन गांव में मुख्ताली ङ्क्षसह के निर्देशन में कुबेरदत्त शास्त्री, प्रवेश शर्मा, नंदराम ङ्क्षसह और सतीश ङ्क्षसह के साथ पंच बने। यही पंच मामले को सुनने लगे। वर्ष 2015 से अब तक एक दर्जन से ज्यादा मामले इस गांव में सामने आ चुके हैं लेकिन, पंचों ने सबका निस्तारण करवा दिया।

यहां के पंचों की कार्य प्रणाली बेहतर दिखी। इंस्पेक्टर धनारी को कहा गया है कि पंचों की इस व्यवस्था को  पुनर्जीवित किया जा सकता है,जहां छोटे छोटे मामले सुलझ सकते हैं। इस गांव की ही तरह भाईचारा बाकी में भी दिखना चाहिए।

यमुना प्रसाद, एसपी सम्भल

गांव में जब पंचों ने मुझे बताया कि छोटे छोटे मामले खुद ही निपटाए जाएं तो यह सही लगा। पंचों का निर्णय बेहतर था। हमारे गांव में चार साल से एक भी मुकदमा नहीं है।

हरवेश देवी प्रधान 


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