मोबाइल नशा मुक्ति को योगी सरकार ने निकाली युक्ति Moradabad news
मोबाइल के नशा से मुक्ति दिलाने के लिए प्रदेश सरकार एक योजना बनाने जा रही है।
मुरादाबाद। एक छोटे से मोबाइल में जिंदगी की सभी जरूरतें जैसे बंद हो गईं हैं। मोबाइल अगर कुछ देर के लिए हाथ से छीन लिया जाए,तो लगता है जैसे सब कुछ छिन गया लेकिन, यही मोबाइल अब लोगों की जिंदगी छीन रहा है। यह बात हम नहीं राज्य सरकार मान रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य में मोबाइल नशा मुक्ति अभियान चलाने का निर्देश दिया है। इस अभियान को चलाने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गई है। सरकार का मानना है कि मोबाइल के उपयोग के चलते लोग बीमार हो रहे हैं। खासकर युवा वर्ग को इसकी लत छोडऩे की जरूरत है। परीक्षा में कम नंबर आने के पीछे भी सरकार मोबाइल को ही सबसे बड़ा कारण मान रही है। वहीं इन सभी बातों से आगे जाकर सरकार का कहना है कि प्रदेश में आत्महत्या के उकसावे के लिए भी मोबाइल जिम्मेदार है। यह सभी बातें शासन की ओर से अधिकारियों को जारी किए गए पत्र में लिखी गई हैं। स्वास्थ्य विभाग की निदेशक मधु सक्सेना ने सूबे के सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र भेजकर सरकारी अस्पतालों में काउंसिलिंग कक्ष खोलने के साथ ही मोबाइल नशा मुक्ति अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने स्पष्ट शब्दों में आदेश दिया है कि अस्पताल में सभी ऐसी दवाएं भी रखी जाएं,जो इस मनोरोग के उपचार में जरूरत पड़ती है, यानि सरकार यह मानकर चल रही है कि मोबाइल का ज्यादा उपयोग मनोरोग का कारण है, इसलिए इसका इलाज भी जरूरी है।
डॉक्टरों को नहीं मालूम कैसे चलाएं अभियान
स्वास्थ्य निदेशक के इस पत्र की जानकारी डॉक्टरों के पास मौजूद है लेकिन, उन्हें यह नहीं मालूम कि सरकार के इस आदेश का अनुपालन कैसे किया जाएगा। डॉक्टरों का कहना है कि अभी केवल मोबाइल नशा मुक्ति अभियान चलाने से संबंधित आदेश आया है लेकिन, इस अभियान को कैसे चलाया जाएगा, इसके संबंध में शासन से विस्तृत जानकारी मांगी गई है।
तैयार की जा रही रूपरेखा : डॉ. विनीता
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विनीता अग्निहोत्री का कहना है कि स्वास्थ्य निदेशालय से मोबाइल नशामुक्ति अभियान के संबंध में जो पत्र जारी किया गया है,वह हमें मिल गया है। अभियान को चलाने के संबंध में रूपरेखा तैयार की जा रही है। इस अभियान में बच्चों और युवाओं को मोबाइल की लत छुड़ाने के प्रयास किए जाएंगे। सरकार ने इसी वर्ग को ध्यान में रखकर इस अभियान को चलाने के निर्देश दिए हैं।