नए वाहन पर लिखवाइए दादा और पापा की गाड़ी का लकी नंबर
नए वाहन में भी पुराने वाहन वाला नंबर रखना चाहते हैं तो यह सुविधा प्रदेश में एक जुलाई से शुरू होने जा रही है। इसके लिए रिटेंशन पॉलिसी लागू की जा रही है।
प्रदीप चौरसिया, मुरादाबाद: नए वाहन में भी पुराने वाहन वाला नंबर रखना चाहते हैं तो यह सुविधा प्रदेश में एक जुलाई से शुरू होने जा रही है। इसके लिए रिटेंशन पॉलिसी लागू की जा रही है। इससे हजारों रुपये खर्च कर वीआइपी वाहन नंबर लेने वालों को राहत मिलेगी। पिछले वर्षों में एक हजार के लगभग वीआइपी नंबर नष्ट हो चुके हैं, जो चलन में आ जाएंगे।वर्तमान में परिवहन विभाग के नियम के अनुसार वाहन में एक बार पंजीयन नंबर आवंटित हो जाता है, वह नंबर दूसरे किसी वाहन के लिए आवंटित नहीं किया जाता है। वाहन कंडम होने या एक्पायर होने पर भी वह नंबर नष्ट हो जाता है। काफी वाहन मालिक हजारों रुपये खर्च कर वीआइपी नंबर लेते हैं, वीआइपी नंबर 15 साल के बाद नष्ट हो जाता है। कुछ वाहन मालिक पुरानी गाड़ी के नंबर को लक्की नंबर मानते हैं, लेकिन गाड़ी कंडम होने से साथ नंबर भी नष्ट हो जाता है। काफी वाहन मालिकों ने शासन को पत्र भेज कर अनुरोध किया है कि वाहन के नष्ट हो जाने के बाद भी वाहन नंबर को नष्ट नहीं करें, कोई भी वाहन मालिक नए वाहन खरीदता है और नए वाहन में पुराने वाहन का नंबर रखना चाहता है तो उससे पुराने नंबर आवंटित किया जाना चाहिए। यह नंबर वाहन मालिक के खून के रिश्ते में (बेटा-बेटी, भाई-बहन, पत्नी) को भी आवंटित किया जाना चाहिए।
परिवहन मुख्यालय ने तैयार की रिटेंशन पॉलिसी
परिवहन मुख्यालय ने रिटेंशन पॉलिसी तैयार की है जिसमें पुराने नंबर को पुन: आवंटित किया जाना प्रस्तावित है। नष्ट हो चुके वाहन नंबर को भी एक फीस लेकर आवंटित करने की योजना है। माना जा रहा है कि एक जुलाई से यह नियम लागू किया जाना प्रस्तावित है। रिटेंशन पॉलिसी लागू होने पर वीआइपी नंबर खरीदने वालों को सबसे अधिक लाभ होगा। पुराने कंडम वाहन के वीआइपी नंबर भी वाहन मालिक खरीद सकते हैं। पुराने वाहन नंबर चुनने के लिए आन लाइन सुविधा उपलब्ध कराने की योजना है। इससे परिवहन विभाग को आर्थिक लाभ भी होगा। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) जेपी गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में पुराने वाहन वालों को पुन: आवंटित करने के लिए रिटेंशन पॉलिसी लागू करने की योजना तैयार की है। लागू हो जाने के बाद नये वाहनों में पुराने वाहनों का नंबर आवंटित किया जा सकता है।