कचहरी में सावधानी और शारीरिक दूरी के साथ काम शुरू,ई-मेल से भेजे गए 53 आवेदन Moradabad News
13 अदालतों में जमानत और मुकदमों से संबंधित दस्तावेज स्वीकार किए गए। ई-मेल के माध्यम से 53 आवेदन भेजे गए गए कोर्ट परिसर में ज्यूडिशियल सर्विस सेंटर भी खोला गया।
मुरादाबाद,जेएनएन। लॉकडाउन का चौथा चरण अभी पूरा होने में लगभग एक सप्ताह शेष है। हाईकोर्ट के निर्देश पर ऑरेंज जोन में शामिल जनपदों में कोर्ट ने कार्रवाई शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। ईद के अवकाश के बाद मंगलवार को कचहरी परिसर में फिर से चहल-पहल शुरू हो गई। हालांकि, पहले की तरह वादकारियों की भीड़ कचहरी परिसर में नहीं थी। अधिवक्ताओं ने भी सीमित लोगों के साथ अपने चैंबर खोले थे। परिसर में आने वाले लोगों की संख्या बहुत ही कम थी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए कचहरी में काम-काज प्रणाली अब बदल गई है। कचहरी से लेकर कोर्ट के अंदर शारीरिक दूरी का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। कोर्ट में भी चार से पांच कुर्सियां लगाई गई हैं। वहीं अधिवक्ताओं को बहस करने के लिए दूरी तय कर दी है। मुख्य द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग के बाद कोर्ट परिसर में प्रवेश दिया जा रहा है। सभी अधिवक्ता भी मास्क लगाए हुए थे। न्यायिक अधिकारियों की ओर से ई-मेल के माध्यम से जमानत और मुकदमों संबंधी प्रपत्र पेश करने के आदेश दिए थे। लेकिन ई-मेल के साथ ही अधिवक्ता स्वयं भी ज्यूडिशियल सर्विस सेंटर के माध्यम से प्रपत्रों को जमा कर सकते थे। इस सर्विस सेंटर के माध्यम से 13 विभिन्न अदालतों के प्रार्थना पत्रों को स्वीकार किया गया। अधिवक्ताओं की सुविधाओं का ख्याल करते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से हेल्प डेस्क भी खोली गई है। ई-मेल के माध्यम से 53 प्रार्थना पत्र भेजे गए
अदालतों में न्यायिक कार्य से संबंधित प्रार्थना पत्रों को ऑनलाइन भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं। कचहरी के कंप्यूटर सेक्शन में ऑनलाइन 53 प्रार्थना पत्र भेजे गए। जिन्हें संबंधित अदालतों में अग्रिम कार्रवाई के लिए प्रेषित कर दिया। न्यायालय कार्मिकों के मुताबिक मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायधीश की कोर्ट में 52, सीजेएम कोर्ट में 39 के साथ ही अन्य कोर्ट में चार प्रार्थना पत्रों को ई-मेल व अन्य माध्यमों से प्रेषित किया गया।
न्यायालय परिसर में सावधानी और सतर्कता के साथ अधिवक्ताओं ने काम-काज शुरू कर दिया है। जो भी निर्देश न्यायिक अधिकारियों की ओर से जारी किए गए हैं, सभी अधिवक्ता उनका अनुपालन करने के साथ ही न्यायालय संबंधी कार्यवाही कर रहे हैं।
-अभिषेक भटनागर, महासचिव, दि बार एसोसिएशन एंड लाइब्ररी।