गन्ना पर्ची को लेकर महिला किसान परेशान
जरूरतमंद किसानों को नहीं मिल रहीं गन्ना पर्चियां
मुरादाबाद : गन्ना पर्चियों के वितरण को लेकर बवाल मचा है। जरूरतमंदों को पर्चियां नहीं मिल रहीं हैं और चहेते किसानों को कई-कई पर्चियां जारी की जा रहीं हैं। गन्ना समितियों पर भीड़ बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा परेशान महिला किसान हैं जो पर्चियां हासिल करने के लिए कतार लगाने के लिए मजबूर हैं।
चालू पेराई सत्र में एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र से अधिक पेड़ी गन्ना है। इसके कटने के बाद किसान अपनी जरूरत के मुताबिक गेहूं की बुवाई करते हैं। कृषि विभाग की मानें तो लगभग 25 हजार हेक्टेयर में हर साल पेड़ी गन्ना काटने के बाद गेहूं की बुवाई होती है। फिलवक्त, पेड़ी गन्ने की पर्चियों के लिए आपाधापी मची है।
महिला गन्ना किसान
सरकारीदावे चाहे जो भी हों, लेकिन आधी आबादी आज भी शोषण का दंश झेल रही है। दलाल उनकी पर्ची बीच में ही हड़प लेते हैं और वह पर्ची के इंतजार में रहती हैं। महिला गन्ना किसान मनु चौधरी कहती हैं कि अब तक एक पर्ची ही उनको मिली है जबकि केलैंडर में चार पर्ची दर्ज हैं। ऐसा ही आरोप कुसुम पत्नी राकेश, जयवती पत्नी जालम सिंह ने भी लगाया है।
गन्ना पर्ची वितरण का नियम
चालू पेराई सत्र में गन्ना पर्ची वितरण का अधिकार गन्ना समितियों को दिया गया है। गन्ना पर्ची न आने पर एसएमएस के जरिए भी संबंधित किसान को सूचित करने का प्रावधान है। किसान मोबाइल फोन पर एसएमएस आने पर भी गन्ने की तौल करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें मिल गेट या गन्ना क्रय केंद्र पर एसएमएस दिखाना होगा।
यातायात बाधित
चीनी मिलों पर गन्ने की तौल कराने के लिए लंबी कतारें लगी हैं। बेलवाड़ा, अगवानपुर, रानीनागल, मिलक नरायनपुर पर जाम की स्थिति रहने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दढि़याल निवासी डॉ. रुखसार अली, सिहाली खद्दर निवासी मुहम्मद इमरान खां, राजपुर केसरिया निवासी जरीफ अहमद कहते हैं कि गन्ना ट्रालियों की आवाजाही से यातायात बाधित है। इस बारे में उप गन्ना आयुक्त राजेश मिश्र ने कहा कि गन्ना समितियों को पर्चियों के वितरण में सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी।