विकास के नाम पर निकाल लिए करोड़ों रुपये, पंचायत सचिव नहीं दे पाए हिसाब
डीपीआरओ ने जारी किया अंतिम नोटिस कुछ प्रमोशन पाकर बन गए एडीओ। बदायूं में तैनात एडीओ को भेजा कारण बताओ नोटिस विभाग में मची खलबली।
अमरोहा, जेएनएन। गांवों में विकास के नाम पर पंचायत सचिवों ने करोड़ों रुपये निकाल लिए लेकिन, धनराशि खर्च संबंधी अभिलेख जमा नहीं किए। बार-बार नोटिस जारी किए गए, किंतु कोई भी ब्योरा नहीं दिया। इस पर गंभीर हुए डीपीआरओ ने अब सात पंचायत सचिवों को अंतिम नोटिस जारी किया है। हैरानी की बात ये है कि कई पंचायत सचिव प्रमोशन पाकर बदायूं व मुरादाबाद जनपद में एडीओ बन गए हैं।
गंगेश्वरी ब्लाक क्षेत्र में वर्ष 2019 व 20 में ग्राम विकास अधिकारी व पंचायत सचिवों ने करोड़ों रुपये की धनराशि विकास के नाम पर निकालकर खर्च कर दी है। इसमें पंचायत सचिव नरेंद्र कुमार मौर्य ने 1.60 करोड़, दीपक कुमार ने 1.32 करोड़, राहुल माधी 2.57 करोड़, मोहम्मद अय्यूब, 2.78 करोड़, कामेंद्र कुमार 1.13 करोड़, भूपेंद्र कश्यप 4.64 करोड़, धनौरा ब्लाक क्षेत्र में तैनात रहे पंचायत सचिव संजीव शर्मा ने 9 लाख रुपये का अभी तक कोई हिसाब नहीं दिया है। अफसरों ने उनको नोटिस जारी कर धनराशि समायोजन संबंधी रिकार्ड जमा करने के लिए कहा लेकिन, महीनों बीतने के बाद भी उनके द्वारा कार्रवाई नहीं की गई।
ये पंचायत सचिव बन गए हैं एडीओ
पंचायत सचिव संजीव शर्मा प्रमोशन पाकर एडीओ बन गए हैं और अब उनकी तैनाती बदायूं में हैं। धनराशि खर्च का कोई रिकार्ड नहीं देने पर उन्हें डीपीआरओ ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ग्राम पंचायत सचिव भूपेंद्र कश्यप भी पदोन्नत होकर एडीओ बन गए हैं। उनकी तैनाती जनपद मुरादाबाद में है।
पंचायत सचिवों ने धनराशि निकाल ली लेकिन, उसके खर्च संबंधित रिकार्ड विभाग में जमा नहीं किया है। इसलिए पांच सचिवों को अंतिम नोटिस जारी किया गया है। बदायूं में तैनात एडीओ संजीव शर्मा को कारण बताओ नोटिस दिया है। जिस समय उन्होंने धनराशि निकाली तब वह पंचायत सचिव के पद पर तैनात थे। नोटिस का जवाब नहीं देने के बाद उन पर एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।
वाचस्पति झा, डीपीआरओ