मुरादाबाद में प्रदूषण फैलाना पड़ेगा भारी, एक्शन प्लान में शामिल किए गए ये शहर
वायु प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक्शन प्लान तैयार किया है। इसमें उत्तर प्रदेश के 11 शहरों को शामिल किया गया है।
मुरादाबाद, जेएनएन। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक्शन प्लान तैयार किया है। इसमें उत्तर प्रदेश के 11 शहरों को शामिल किया गया है। बोर्ड के अफसरों ने बताया कि एक्शन प्लान पर अमल करने के लिए एक जून से कार्रवाई शुरू हो जाएगी। जिन शहरों का एक्शन प्लान में चयन किया गया है, वहां बीते दो सालों में प्रदूषण का स्तर लाल निशान तक पहुंचा है। ऐसे में केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने इन्हीं शहरों में वायु प्रदूषण नियंत्रित करने की योजना बनाई है। साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
छह विभागों को सौंपी गई जिम्मेदारी
वायु प्रदूषण को रोकने के लिए छह अलग-अलग विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें नगर निगम, एमडीए, ट्रैफिक, परिवहन विभाग के साथ ही जल निगम के अफसर मिलकर काम करेंगे। इन विभागों के अफसरों के अफसरों को कार्रवाई करने के साथ ही आम लोगों को जागरूक करने की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
शहरी क्षेत्र में पौधरोपण कराएं
कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को सीडीओ मृदुल चौधरी की अध्यक्षता में वायु प्रदूषण के नियंत्रण को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया। इसमें सबसे पहले शहरी क्षेत्र को ग्रीनरी से कवर करने की योजना तैयार की गई। इसके तहत शहरी क्षेत्र में पौधरोपण के लिए नगर निगम और एमडीए को जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिन स्थानों पर निर्माण कार्य किया जा रहा है, वहां पर ग्रीन कवर डाला जाएगा, अगर किसी भी इमारत का निर्माण ग्रीन कवर के बिना किया जा रहा होगा तो प्राधिकरण के अफसर सख्त कार्रवाई करेंगे।
सीवर लाइन खोदाई की जगह पर पानी के छिड़काव के निर्देश
शहर में सीवर लाइन खुदाई के दौरान धूल काफी उड़ती है, इससे वायु में प्रदूषण फैलता है। मामले पर जल निगम के अफसरों को निर्देश दिए गए कि जिन स्थानों पर सीवर लाइन खुदाई का कार्य किया जा रहा है, वहां पर लगातार पानी का छिड़काव किया जाएगा, ताकि धूल उडऩे से रोका जाए। सभी विभागाध्यक्षों को यह भी निर्देश दिए गए कि जनता को जागरूक करने के लिए कार्यशाला का आयोजन करेंगे। प्रदूषण नियंत्रण विभाग प्रत्येक सप्ताह सभी के कार्यों की निगरानी के साथ ही रिपोर्ट तैयार करेगा। अगर किसी भी क्षेत्र में प्रदूषण का लेवल बढ़ता है,तो उसको कैसे कम किया जाएगा,इस पर भी तत्काल कदम उठाए जाएंगे।
परिवहन विभाग नहीं जारी करेगा डीजल परमिट
परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वह एक भी डीजल गाड़ी का परमिट जारी नहीं करेंगे। विभागीय अधिकारियों ने बताया लोकल स्तर पर सीएनजी और बैटरी रिक्शा का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही अभी तक किसी डीजल गाड़ी को परमिट नहीं दिया गया।
कूड़ा जलाने वालों पर नगर निगम करेगा कार्रवाई
शहरी क्षेत्र में नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्रों में नगर पालिका और नगर पंचायत के अधिकारी कूड़ा जलाने से रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई करेंगे। इसके लिए निगरानी टीमों को लगाया जाएगा। कूड़ा जलाने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अजय शर्मा ने बताया कि कूड़ा जलने से डाईआक्सिन नाम की गैस निकलती है, जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारी होने की आशंका बनी रहती है।
जाम लगने से रोकेगा यातयात विभाग
यातायात विभाग के अफसरों को जाम पर नियंत्रण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही अनाधिकृत रूप से चल रहे डीजल वाहनों को सीज करने की कार्रवाई के निर्देश दिए गए है।
लखनऊ से होगी मॉनीटरिंग
शहर में प्रदूषण की मॉनीटरिंग ऑनलाइन की जाएगी। शहर में लगे चार प्रदूषण मापक स्टेशनों से ऑनलाइन डाटा को एकत्र करने के साथ ही एक्शन टीम को इस संबंध में रिपोर्ट दी जाएगी, ताकि जिन क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है, वहां पर प्रभावी कार्रवाई हो सके।
पीएम टेन और 2.5 सबसे ज्यादा खतरनाक
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने बताया है कि हवा में घुले खतरनाक सूक्ष्म कण पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा बढऩे से वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो जाता है। ये खतरनाक कण इतने सूक्ष्म होते हैं कि सांस के जरिए ये हमारे फेफड़ों में पहुंच जाते हैं,जिनसे खतरनाक बीमारियों की होने की संभावना बढ़ जाती है। पीएम टेन को रेस्पायरेबल पार्टीकुलेट मैटर कहते हैं, इन कणों का साइज 10 माइक्रोमीटर होता है, इससे छोटे कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या इससे भी कम होता है। धूल में धातु के यह सूक्ष्म कण शामिल होते हैं। पीएम टेन और 2.5 निर्माण कार्य,कूड़ा और पराली जलाने से ज्यादा बढ़ता है। आमतौर पर लोग पीएम 2.5 के बारे में नहीं जानते हैं, लेकिन इससे बचाव के लिए इस खतरनाक कण के बारे में जानना बेहद जरूरी है। पीएम 2.5 हवा में घुलने वाला छोटा पदार्थ है, पीएम 2.5 का स्तर ज्यादा होने पर ही धुंध बढ़ती है, विजिबिलिटी कम होती है, जब कभी इनका स्तर बढ़ता है,तो आंखों में जलन के साथ सांस लेने में दिक्कत होती है।
इन 15 शहरों में चलेगा एक्शन प्लान
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उत्तर प्रदेश की जिन 15 शहरों की सूची बनाई है। इसमें मुरादाबाद के साथ ही लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद, नोएडा, खुर्जा, फिरोजाबाद, अनपरा, गजरौला, झांसी, रायबरेली के साथ ही बरेली का नाम शामिल है।
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