दहेज के लिए पत्नी की गला दबाकर की थी हत्या, कोर्ट ने पति समेत तीन को सुनाई सजा Moradabad news
पत्नी की गला दबाकर हत्या कर नाटकीय ढंग से फांसी के फंदे पर लटकाने के मामले में कोर्ट ने तीन दोषियों को सजा सुनाई।
मुरादाबाद : पत्नी की गला दबाकर हत्या कर नाटकीय ढंग से फांसी के फंदे पर लटकाने के मामले में कोर्ट ने तीन दोषियों को सजा सुनाई। इनमें मुख्य आरोपित पति को उम्रकैद के साथ ही सास व ससुर को दस-दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई।
वर्ष 2015 में हुई थी शादी
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रंजीत सिंह राठौर ने बताया सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के सेरूआ-धर्मपुर निवासी गुडडू पुत्र तेजपाल की शादी मूंढापांडे के मनकरा गांव निवासी रजनी के साथ हुई। साल 2015 में शादी के बाद से पति गुडडू दहेज कम मिलने पर रजनी को प्रताडि़त करने लगा। पति के साथ ही सास-ससुर भी दहेज में एक लाख रुपये और लाने की मांग करते थे। इस बात की जानकारी रजनी ने पिता हजारी व भाई गुडडू को भी दी थी लेकिन, उसे समझा-बुझाकर मामले को शांत कर दिया जाता था। एक साल बीतने पर ही रजनी ने बेटी को जन्म भी दिया। इसके बाद पति और परिवार के लोग फिर पैसा देने की मांग करने लगे। रजनी ने पिता पर पैसा न होने की बात कही।
पति समेत तीन ने की हत्या
12 मई 2016 को रजनी की पति गुडडू, सास माया देवी व ससुर तेजपाल ने गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद उसे फांसी के फंदे पर लटका कर पूरे गांव में फांसी लगाने की बात उड़ा दी। जानकारी मिलने पर मायके वालों ने मृतका के पति व सास-ससुर के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया। हालांकि पुलिस ने भी इसे आत्महत्या का मामला मानते हुए मुकदमा दर्ज किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अदालत में डॉक्टर के बयान के बाद इस बात की पुष्टि हो गई कि रजनी की गला दबाकर पहले हत्या की गई। इसके बाद उसे फांसी के फंदे पर लटकाया गया था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद बुधवार को एडीजे-13 नीतू यादव की कोर्ट ने इस मुकदमे में फैसला सुनाया। दोषी पति गुड्डू को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही लगभग 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वहीं दोषी सास माया देवी व ससुर तेजपाल को दस-दस वर्ष के कारावास के साथ ही बीस- बीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
सुलहनामा लगाकर सजा से बचने की भी हुई थी कोशिश
अदालत में मुकदमे की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने सुलहनामा लगाकर मुकदमा खत्म करने की अर्जी दाखिल की थी। गवाहों के पलटने के बाद भी कोर्ट ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डॉक्टर की गवाही को मजबूत सबूत मानते हुए दोषियों को सजा सुनाने का काम किया।