Water conservation : तीन साल में 357 तालाबों को मिला नया जीवन
Water conservation जल संरक्षण के लिए केवल सरकारी विभागों को ही नहीं बल्कि हम सब को इसकी जिम्मेदारी समझनी होगी। बेहतर कल के लिए स्वच्छ जल का होना बेहद जरूरी है।
रामपुर। जल ही जीवन है, इस बात को गंभीरता को समझने की आवश्यकता हम सबको ही है। वर्तमान समय में पानी की बर्बादी का हाल देखें तो भविष्य बेहद डरावना नजर आता है। यह ही हाल रहा तो आने वाली पीढि़यों को पानी भी नसीब नहीं होगा। इसलिए पानी का संरक्षण करने की तेजी से आवश्यकता है। इसके लिए तालाबों का होना बहुत जरूरी है, क्योंकि तालाब जल संचयन का सर्वोत्तम साधन होते हैं।
जनपद में मनरेगा द्वारा इसको लेकर द्रुतगति से कार्य किया जा रहा है। जल स्तर नीचे खिसक जाने के कारण यहां चार ब्लाक डार्क जोन में जा चुके हैं। जनपद में बड़े पैमाने पर भू-गर्भ जल का दोहन किया जा रहा है। वहीं हर वर्ष पानी की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। फसलों की सिचाई में अच्छा खासा पानी खर्च हो जाता है। घरों में भी पानी का खर्च बहुत अधिक होता है। लेकिन, जिस हिसाब से पानी खर्च किया जा रहा है, उस हिसाब से इसका रीचार्ज नहीं हो पा रहा है। निजी इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम न होने से बारिश का पानी संचयत नहीं हो पाता और नालियां में यूं ही बर्बाद हो जाता है। अब शासन की ओर से इसको लेकर गंभीरता जताने एवं इसको लेकर आदेश जारी होने पर जल संरक्षण को लेकर मनरेगा द्वारा शुरुआत की गई है। गांवों में तालाब खुदवाने का कार्य विभाग की ओर से करवाया जा रहा है। तीन साल में 357 तालाबों का जीर्णोद्धार करवाया जा चुका है। मनरेगा के उपायुक्त प्रभुदयाल का कहना है कि इस साल भी 127 तालाबों का जीर्णोद्धार करवाया गया है। तालाबों से जल स्तर में सुधार भी हो रहा है।