ऑनलाइन शॉपिंग से तोड़ी व्यापारियों की कमर Moradabad news
वालमार्ट इंडिया ने प्रदेश में अपने 15 स्टोर खोलने की घोषणा की थी। इसमें लखनऊ के बाद मुरादाबाद में स्टोर खोले जाने थे।
मुरादाबाद(प्रांजुल श्रीवास्तव)।दुनिया की सबसे बड़ी शॉपिंग चेन के भारत में प्रवेश के बाद रिटेल व्यापार को धक्का लगा है। इसके बाद फ्लिपकार्ट के साथ वालमार्ट की होने वाली डील ने खुदरा व्यापारियों की कमर तोड़कर रख दी है। 30 फीसद व्यापार भी कम हो गया है।
अभी हाल ही में वालमार्ट इंडिया ने प्रदेश में अपने 15 स्टोर खोलने की घोषणा की थी। इसमें लखनऊ के बाद मुरादाबाद में स्टोर खोले जाने थे। बाजार के जानकारों का कहना है कि रिटेल कारोबार में भी एशिया में चीन के बाद भारत सबसे बड़ा बाजार रहा है।
ग्राहकों को लुभा रहा सस्ता सामान
फाइनेंस कन्सल्टेंट खालिद अली का कहना है कि बाजार में मिलने वाले सामान की अपेक्षा ऑनलाइन मिलने वाले सामान पर ज्यादा डिस्काउंट मिलता है। प्रतिस्पर्धा के चक्कर में आनलाइन कपंनियां ग्राहकों को 50 से 70 फीसद तक की छूट भी देती हैं। जिससे ग्राहकों का झुकाव आनलाइन बाजार की तरफ बढ़ता जा रहा है। आंकड़ों को देखा जाए तो 2018 तक दुनिया में 1.8 अरब लोग ऑनलाइन सामान खरीदना पसंद करते थे।
सबसे ज्यादा कपड़े की डिमांड
रिटेल की अपेक्षा आनलाइन मार्केट में सबसे ज्यादा कपड़े खरीदे जाते हैं। इसके बाद मोबाइल व अन्य गैजेट््स आते हैं। स्टैटिस्टा की रिपोर्ट को देखें तो एशिया में 2016 तक औसतन प्रति व्यक्ति 22.1 रुपये ट्रांजेक्शन हो रहा था। वहीं 2017 में ग्लोबल स्तर पर सबसे बड़ा बाजार चीन था, लेकिन भारत में ऑनलाइन बाजार की बढ़ती डिमांड को देखा जाए तो 2019-23 तक भारत सबसे बड़ा बाजार होगा। व्यापारी गिरीश भंडुला का कहना है कि केवल मुरादाबाद में ही कपड़े के व्यापार में रिटेल व थोक व्यापारियों की 40 से 50 फीसद तक बिक्री कम हुई है। उन्होंने बताया कि रेडीमेट में जिन व्यापारियों की 40 से 50 हजार की प्रतिदिन की सेल थी, वह अब घट कर 15 से 20 हजार ही रह गई है।
बर्तन बाजार में आई 10 से 15 फीसद तक कमी
आनलाइन मार्केट ने कई व्यापार को प्रभावित किया है। इससे बर्तन बाजार भी अछूता नहीं रहा है, क्रॉकरी के आइटम सबसे ज्यादा आनलाइन ही खरीदे जा रहे हैं। वहीं ब्रास के कैंडिल स्टैंड व अन्य सजावटी सामान भी ऑनलाइन मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के चेयरमैन नरेश अग्रवाल का कहना है कि बर्तन और ब्रास इंडस्ट्री को ऑनलाइन बाजार से 10 से 15 फीसद तक नुकसान हुआ है।