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अमरोहा में इलाज के बाद भी बेकाबू होता जा रहा वायरल बुखार, जानिए कैसे Amroha news

अमरोहा जनपद में बुखार का जबरदस्‍त प्रकोप चल रहा है। लोग तेजी से इसकी चपेट में आ रहे है। पिछले एक माह में बुखार से दर्जन भर लोगों की मौत हो चुकी है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 03:37 PM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 04:05 PM (IST)
अमरोहा में इलाज के बाद भी बेकाबू होता जा रहा वायरल बुखार, जानिए कैसे Amroha news
अमरोहा में इलाज के बाद भी बेकाबू होता जा रहा वायरल बुखार, जानिए कैसे Amroha news

मुरादाबाद। जनपद अमरोहा जिलेभर में वायरल लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। वायरल से पीडि़त मरीजों की सरकारी अस्पताल में भरमार है। चिकित्सकों के इलाज करने के बावजूद वायरल बेकाबू होता जा रहा है। जिसके चलते कई दो सप्ताह में लगभग दर्जनभर लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि कई मौत और ङ्क्षजदगी के बीच जूझ रहे हैं। चिकित्सक इलाज में लापरवाही ही मौत का कारण मान रहे हैं।जिले में डायरिया, टाइफाइड और वायरल के प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। जिसमें टाइफाइड और वायरल ने लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। सभी सरकारी अस्पतालों में इन्हीं रोगियों की भरमार है। सीएचसी अमरोहा में रोजाना मरीजों का ग्राफ एक हजार तक पहुंच गया है, जबकि जिला अस्पताल में यह 1100 से बढ़कर लगभग दो हजार हो गया है। जिसमें से अधिकतर मरीज वायरल और टाइफाइड से पीडि़त आ रहे हैं। आलम यह है कि सरकारी अस्पताल में सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक मरीजों की लंबी कतारें लगी रहती हैं। जिसमें चिकित्सकों को होश नहीं मिल रहा है। वह गंभीर रोगी को अस्पताल में भर्ती करा देते हैं। अस्पतालों में जनरल से लेकर इमरजेंसी वार्ड तक मरीजों से फुल हैं। मरीजों का इलाज भी चल रहा है, लेकिन वायरल बेकाबू साबित होता जा रहा है। जिसके चलते दो सप्ताह के अंदर दर्जन भर लोगों की मौते हो चुकी है और कई मौत और ङ्क्षजदगी के बीच झूल रहे हैं। सराय कोहने की फरजाना का कहना है कि आठ दिन से बुखार आ रहा है, लेकिन पीछा छोडऩे का नाम नहीं ले रहा है। बबीता, शंकर लाल भी एक सप्ताह से वायरल से पीडि़त हैं। दानिशमंदान के रेहान, फरजाना का भी यही हाल है।

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मरने वालों मरीजों का आंकड़ा

अमरोहा : दो सप्ताह में वायरल से मरने वाले मरीजों की संख्या लगभग दर्जनभर है। जिसमें 11 सितंबर को हरियाणा गांव के बाबू हसन के चार वर्षीय बेटे ख्वाजा हसन, 14 सितंबर को गांव तिगरिया नादिरशाह की छात्रा जीनू, 17 सितंबर को उझारी के अनीस अहमद, 18 सितंबर को सैदनगली के सादिक अली, 21 सितंबर को उझारी में अपने नाना के घर रह रही चार वर्षीय मासूम फारिया, 22 सितंबर को हथिया खेड़ा के पवन के बेटे नमन, 24 सितंबर को ओगपुरा के कुंवरसैन, 25 सितंबर को फईमुददीन समेत दर्जभर लोग वायरल की चपेट में आकर मौत के मुंह में समा चुके हैं।

इलाज में लापरवाही बनी मौत का कारण

अमरोहा : नोडल अधिकारी डॉ. विनोद का कहना है कि लोगों की मौत उनकी लापरवाही का नतीजा है। वह सरकारी अस्पताल व अच्छे चिकित्सक की बजाय झोलाछाप के पास चले जाते हैं। जिसमें झोलाछाप बिना जांच किए बुखार आदि की गोली देता है। उन्होंने बताया कि इसमें अधिकतर मौते टाइफाइड की वजह से हुई हैं। वह पहले टाइफाइड रोग से ग्रसित थे। टाइफाइड रोगी का 14 दिन इलाज चलता है, लेकिन वह चार पांच दिन ही इलाज कराकर चले गए। इससे एक-दो माह बाद में फिर टाइफाइड उभर आया। जिससे वह गांव में ही बुखार की दवाई खाते रहे और मौत हो गई। उन्होंने बताया की बीच में इलाज छोडऩे से टाइफाइड के वायरस मरीज के अंदर रह जाते हैं। जिससे धीरे-धीरे मरीज का हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होने लगती है और मौत हो जाती है। यह सब लापरवाही का ही नतीजा है।


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