ग्रामीणों ने चंदा कर कराया दो बेटियों का निकाह,हर कोई कर रहा गांव वालों की तारीफ Rampur News
पिता चले गए जेल मां की हो गई थी मौत । बरातियों की खूब खातिरदारी विदाई में आंखे नम। सराहनीय पहल के लिए पूरे गांव में हो रही है ग्रामीणों की तारीफ।
रामपुर,जेएनएन। लॉकडाउन में शारीरिक दूरी का मतलब लोग समझ गए है लेकिन, सामाजिक दूरी मिट गई है। रिश्तों में गर्माहट आ गई है। एक दूसरे की मदद को हाथ बढऩे लगे हैं। इसकी मिसाल स्वार तहसील के गांव मुंशीगंज के मझरा एवज में देखने को मिली। ग्रामीणों ने आपस में चंदा करके पिता के जेल जाने के बाद घर पर रह गईं दो बेटियों का निकाह कराया। इतना ही नहीं गृहस्थी का सामान दिया और बरातियों की खूब खातिरदारी की। इस कार्य के बाद ग्रामीणों की चारों ओर लोग सराहना हो रही है।
रामपुर की तहसील स्वार के गांव के रहने वाले व्यक्ति के परिवार में तीन बेटे एवं चार बेटियां हैं। उसने दो बेटे व दो बेटियों की शादी पूर्व में कर दी थी। एक बेटा एवं दो बेटियां शादी से रह गई थीं। चार वर्ष पूर्व हत्या के मुकदमे में पिता को सजा हो गई और वह जेल चले गए। दो वर्ष पूर्व उनकी पत्नी की बीमारी के चलते मौत हो गई। अविवाहित बेटियों को शादीशुदा भाइयों से भी कोई मदद नहीं मिली। युवतियां मेहनत मजदूरी कर अपने छोटे भाई का किसी तरह पालन पोषण करने लगीं। लॉकडाउन घोषित होने के बाद परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया। ग्रामीणों ने उनकी मदद की। ग्रामीणों ने आपस में सलाह-मशवरा कर युवतियों के हाथ पीले करने की ठान ली। उनके लिए रिश्ते ढूंढना शुरू कर दिए। क्षेत्र के ही एक गांव व एक उत्तराखंड के गांव में रिश्ता तय कर दिया। परिवार की हालत खराब होने के चलते गृहस्थी का सामान देने के लिए रुपयों की कमी आड़े आई। ग्रामीणों ने आपस में चंदा कर इंतजाम किया। ग्रामीणों ने अपनी हैसियत के हिसाब से आपस में चंदा जुटाया और बरात में पांच-पांच लोगों को लाना तय किया। रविवार को दोनों युवकों की बरात गांव पहुंची। बरात का खातिरदारी की गई। इसके बाद इमाम को बुलाकर दोनों का निकाह कराया। दोनो बेटियों की विदाई पर ग्रामीणों की आंखों में खुशी के आसूं दिखाई दिए। आसपास के गांव के ग्रामीण इस कार्य की सराहना कर रहे हैं।